- गृह विभाग ने पुलिस रेग्युलेशन में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी किया 15,560 काॅस्टेबल, हेड कॉस्टेबल सब इंस्पेक्टर को मिलेगा लाभ मध्य प्रदेश में बिना प्रमोशन के सिपाही हेड कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर थाना प्रभारी बन सकेंगे। गृह विभाग ने पुलिस रेग्युलेशन में बदलाव कर मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उलझे होने के कारण सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए यह रास्ता निकाला है। सरकार के इस फैसले से कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल और सब इस्पेक्टर स्तर के 15,560 पुलिस कर्मियों को फायदा मिलेगा। दअसरल, प्रमोशन नहीं हो पाने के कारण थानों में प्रभारियों से लेकर जांच करने वाले अधिकारियों की कमी से जूझना पड़ रहा था। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने ऑनरेरी प्रमोशन का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, लेकिन यह फाइल पिछले तीन माह से गृह विभाग में अटकी थी। ऐसे में कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल को सहायक उप निरीक्षक (ASI), सब इंस्पेक्टर का प्रभार ASI और थाना प्रभारी TI का प्रभार सब इंस्पेक्टर को देने का प्रस्ताव तैयार किया गया। जानकारी के मुताबिक पुलिस रेगुलेशन 72 में संशोधन करने जा रहा है। पहले ASI को SI का प्रभार दिया जाता था, लेकिन अब कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल का प्रभार दिया जा सकेगा। इसी तरह सब इंस्पेक्टर को टीआई का प्रभार दिया जाएगा।
इंवेस्टिगेशन ऑफिसर की कमी
प्रदेश में हेड कांस्टेबल, एएसआई, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर और डीएसपी रैंक (इनवेस्टिगेशन ऑफिसर) के 12,810 पद खाली हैं। इसके अलावा 2750 अन्य पदों को प्रमोशन से नहीं भरा जा सका है। इन रिक्त पदों को ऑनरेरी प्रमोशन से भरा जा सकता है, ताकि इन सभी से संबंधित पदों के अनुसार पेंडिंग मामलों में जांच करवाई जा सके। इस पर पीएचक्यू का तर्क था कि अन्य सुरक्षा एजेंसी में पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के काम के मापदंड को देखकर ऑनरेरी प्रमोशन दिया जाता है।
बिना प्रमोशन रिटायर
मई 2016 में पदोन्नति में आरक्षण का नियम खत्म कर देने से प्रमोशन पर रोक लग गई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बीते दो साल में मप्र पुलिस के करीब 2 हजार पुलिसकर्मी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं। आगे भी ये संख्या बढ़ेगी।
कितने पद रिक्त
8,250 - हेड कांस्टेबल 5,175 - सहायक उप निरीक्षक 1,335 - सब इंस्पेक्टर 800 - इंस्पेक्टर
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