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आठ माह में 11,650 प्रति दस ग्राम सस्ता हुआ सोना, छह महीने पहले 90 रुपए लीटर था सोयाबीन तेल

 

फाइल फोटो
  • चांदी के भी 2200 रु. किलो गिरे दाम
  • सोयाबीन तेल के दाम 65% तक बढ़कर 140 रु. हो गए

सोने के दाम पिछले 8 महीने से लगातार गिर रहे हैं। 7 अगस्त 2020 में 57950 रुपए प्रति 10 ग्राम सोने का भाव थे जो वर्तमान में 46,300 पर पहुंच गए हैं। यानी 11650 रुपए प्रति तोला की कमी आई है। वहीं चांदी में भी इस अवधि में 2200 रुपए प्रतिकिलो की गिरावट आई है। सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष किशोर सोनी ने बताया ग्राहक जरूरत के हिसाब से खरीद रहा है। दो से तीन दिन से भीड़भाड़ दिख रही है।

वैवाहिकी व त्यौहार के सीजन में और उठाव आएगा। उन्होंने बताया 22 कैरेट व जेवरात में एक जैसा ही दाम होने से ग्राहक जेवरात बनवाना अधिक पसंद करते हैं। सराफा व्यवसायी चंद्रकुमार सांड ने बताया इस बजट में इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी साढ़े 12% से घटकर 10% हो गई है। इस कारण भी सोने के दामों में गिरावट आई है। कोरोना की वैक्सीन आने से भी सोना सस्ता हुआ है। लॉकडाउन के दौरान विदेशों के पूंजीपतियों का रुझान सोने में निवेश में अधिक रहा, इस कारण तब सोने के भाव रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे।

अगस्त 20 में सोना 57,950 रु. प्रति 10 ग्राम था, जबकि चांदी 69800 रु. किलो थी, मंगलवार को सोने के दाम 46,300 रु. प्रति 10 ग्राम व चांदी 67,000 रु. किलो थी

क्योंकि; छह महीने में इंपोर्ट टैक्स 25 से बढ़कर 35% होने से आई तेल के दामों में तेजी, व्यापारी संघ के सदस्य बोले- 100 लाख टन तेल विदेश भेजा जा रहा है

छह महीने पहले जिस सोयाबीन तेल के दाम 90 रु. लीटर थे, वह अब 65 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 140 रु. लीटर तक पहुंच गए हैं। बाजार में सोयाबीन तेल का 15 लीटर का डिब्बा 2100 रु. में, जबकि मूंगफली तेल का डिब्बा 2400 रु. में फुटकर में बिक रहा है। क्योंकि छह महीने में इंपोर्ट टैक्स 25 से बढ़कर 35% हो गया है। दीपावली (14 नवंबर 2020) पर तेल 90 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। इसके बाद से ही दामों में तेजी जारी है। होली आने से पहले भाव 140 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गए। दीपावली से अब तक तेल के भाव में 65 फीसदी की तेजी आई है। शहर में खाने के तेल के 10 से अधिक थोक विक्रेता हैं और 1200 से अधिक किराना दुकानें हैं। इन पर 200 क्विंटल तेल की खपत रोज होती है। व्यापारी संघ सदस्य व तेल व्यवसायी अनिल शामनानी ने बताया देश में महीने में 150 लाख टन तेल का उत्पादन होता है। 50 लाख टन माल देश में खपता है, जबकि 100 लाख टन विदेश भेजा जाता है। ऐसे में विदेशों में भी तेल के दाम तेज हैं। सरकार चाहती है कि किसानों को भी दाम अच्छे मिले इसलिए दाम नहीं घट रहे।

सोने के दाम पिछले 8 महीने से लगातार गिर रहे हैं। 7 अगस्त 2020 में 57950 रुपए प्रति 10 ग्राम सोने का भाव थे जो वर्तमान में 46,300 पर पहुंच गए हैं। यानी 11650 रुपए प्रति तोला की कमी आई है। वहीं चांदी में भी इस अवधि में 2200 रुपए प्रतिकिलो की गिरावट आई है। सराफा एसोसिएशन अध्यक्ष किशोर सोनी ने बताया ग्राहक जरूरत के हिसाब से खरीद रहा है। दो से तीन दिन से भीड़भाड़ दिख रही है।

वैवाहिकी व त्यौहार के सीजन में और उठाव आएगा। उन्होंने बताया 22 कैरेट व जेवरात में एक जैसा ही दाम होने से ग्राहक जेवरात बनवाना अधिक पसंद करते हैं। सराफा व्यवसायी चंद्रकुमार सांड ने बताया इस बजट में इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी साढ़े 12% से घटकर 10% हो गई है। इस कारण भी सोने के दामों में गिरावट आई है। कोरोना की वैक्सीन आने से भी सोना सस्ता हुआ है। लॉकडाउन के दौरान विदेशों के पूंजीपतियों का रुझान सोने में निवेश में अधिक रहा, इस कारण तब सोने के भाव रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए थे।

अगस्त 20 में सोना 57,950 रु. प्रति 10 ग्राम था, जबकि चांदी 69800 रु. किलो थी, मंगलवार को सोने के दाम 46,300 रु. प्रति 10 ग्राम व चांदी 67,000 रु. किलो थी

क्योंकि; छह महीने में इंपोर्ट टैक्स 25 से बढ़कर 35% होने से आई तेल के दामों में तेजी, व्यापारी संघ के सदस्य बोले- 100 लाख टन तेल विदेश भेजा जा रहा है

छह महीने पहले जिस सोयाबीन तेल के दाम 90 रु. लीटर थे, वह अब 65 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 140 रु. लीटर तक पहुंच गए हैं। बाजार में सोयाबीन तेल का 15 लीटर का डिब्बा 2100 रु. में, जबकि मूंगफली तेल का डिब्बा 2400 रु. में फुटकर में बिक रहा है। क्योंकि छह महीने में इंपोर्ट टैक्स 25 से बढ़कर 35% हो गया है। दीपावली (14 नवंबर 2020) पर तेल 90 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। इसके बाद से ही दामों में तेजी जारी है। होली आने से पहले भाव 140 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गए। दीपावली से अब तक तेल के भाव में 65 फीसदी की तेजी आई है। शहर में खाने के तेल के 10 से अधिक थोक विक्रेता हैं और 1200 से अधिक किराना दुकानें हैं। इन पर 200 क्विंटल तेल की खपत रोज होती है। व्यापारी संघ सदस्य व तेल व्यवसायी अनिल शामनानी ने बताया देश में महीने में 150 लाख टन तेल का उत्पादन होता है। 50 लाख टन माल देश में खपता है, जबकि 100 लाख टन विदेश भेजा जाता है। ऐसे में विदेशों में भी तेल के दाम तेज हैं। सरकार चाहती है कि किसानों को भी दाम अच्छे मिले इसलिए दाम नहीं घट रहे।

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