रविवार को इंदौर में 32 घंटे का कोरोना लॉक रहा। शहर के सभी प्रमुख इलाके सूने पड़े रहे। पिछले साल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान लोग सड़कों पर उतर आए थे, जिसके कारण पूरे देश में आलोचना का सामना करना पड़ा था। इससे सबक लेकर रविवार को लोगों ने गजब का अनुशासन दिखाया। कॉलोनियों में जरूर आवाजाही रही, लेकिन मुख्य मार्गों पर सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस को ज्यादा सख्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। लॉकडाउन उल्लंघन पर धारा 188 के तहत करीब 12 केस दर्ज हुए हैं। जो लोग बेवजह बाहर घूमते मिले, पुलिस ने उनकी गाड़ियों की हवा निकाल दी।
हालांकि एक-दो जगह मामूली लाठियां फटकारना पड़ी। शाम को जरूर थोड़ी ढील देखने को मिली। बाजारों में गाड़ियों की संख्या बढ़ गई और रहवासी इलाकों में लोग टहलते, साइकिलिंग करते नजर आए। कुछ कॉलोनियों व बाजारों में बच्चे क्रिकेट खेलते भी दिखे। इसके पहले कुछ थाना क्षेत्रों में सुबह साढ़े 10 से 1 बजे तक चेकिंग पॉइंट लगाकर दर्जनभर लोगों के वाहनों को थाने में खड़ा करवाया गया। विजय नगर में बैरिकेडिंग तोड़कर भाग रहे एक कार चालक ने दो लोगों को टक्कर मार दी।
दो शहरों में 52% एक्टिव केस; एक तरफ भोपाल-इंदौर, दूसरी तरफ पूरा प्रदेश
प्रदेश में मिल रहे नए मामलों में 52% केस भोपाल-इंदौर के हैं। प्रदेश के 8 हजार एक्टिव केस में से 4 हजार से ज्यादा इन्हीं शहरों के हैं। भोपाल में 2069 व इंदौर 2135 एक्टिव केस हैं।
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