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भ्रष्टाचार"जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी':आरईएस के अधीक्षण यंत्री की मृत्यु के बाद राजसात होगी आय से अधिक बनाई 2.69 करोड़ की संपत्ति

 

2011 में छापे के समय के फाइल फोटो।

भ्रष्टाचार निवारण मामलों की विशेष अदालत ने ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के अधीक्षण यंत्री रहे महेंद्र जैन की 2.69 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में ऐसे गिने-चुने मामले सामने आए हैं, जब भ्रष्टाचार के आरोपी के निधन के बाद संपत्ति राजसात की जा रही है। लोकायुक्त पुलिस ने 9 अगस्त 2011 को उनके घर छापा मार दस्तावेज जब्त किए थे।

351% संपत्ति ज्यादा निकली
विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी के मुताबिक जैन की वेतन से कमाई 1 करोड़ 38 लाख 50 हजार 743 रुपए होना चाहिए थी, लेकिन छापे के वक्त संपत्ति 4 करोड़ 61 लाख 54 हजार 397 रुपए निकली थी। अनुपातहीन संपत्ति 3 करोड़ 23 लाख 3654 रुपए की निकली थी।

4 मकान पाॅश कॉलोनी में

  1. स्कीम नंबर 54 में मकान नंबर 278।
  2. स्कीम 44 सिद्धार्थ नगर में मकान।
  3. तिलक नगर में मकान।
  4. सागर जिले में एक मकान
  5. एक स्कॉर्पियो कार
  6. बैंक खातों में जमा राशि
  7. पॉलिसी
  8. एसडीए कंपाउंड स्थित गोदाम में रखी 52 लाख की दवाई।

परिजन और मित्र के नाम खरीदी संपत्ति भी होगी जब्त
चतुर्वेदी के मुताबिक जैन के घर से ही अनुपातहीन संपत्ति के दस्तावेज मिले थे, जिसे उन्होंने अपने बच्चे, पत्नी और दोस्तों के नाम कर रखा था। कान, बैंक खातों में जमा, पॉलिसी भी राजसात करने के आदेश जारी किए हैं। जैन ने परिजन के नाम से दवाईयों का व्यापार भी चला रखा था। गोदाम में रखी दवा भी जब्त की जाएगी, हालांकि दवाई एक्सपायर हो चुकी है। परिजन के नाम पर खरीदी गई चल-अचल संपत्ति भी राजसात की जाएगी। मित्र के नाम संपत्ति भी कोर्ट ने काली कमाई माना है।

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