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विश्वयुद्धों से लंबी जमीन की जंग:देवी अहिल्या सोसायटी; 4 मुहिम चली, प्लॉट लेने कोई भी सामने नहीं आया

 

प्रतीकात्मक फोटो ।
  • 70 प्लॉट खरीदकर गार्डन बना दिया

रंगून गार्डन के बहाने सनी हाउसिंग सोसायटी के बारे में नई-नई जानकारी सामने आ रही है। जिला प्रशासन, पुलिस और सहकारिता विभाग को पता चला है कि सनी हाउसिंग सोसायटी केवल देवी अहिल्या हाउसिंग सोसायटी की जमीन खरीदने के लिए ही बनाई गई थी। तीनों विभाग ने संयुक्त रूप से चार बार भूमाफियाओं के खिलाफ मुहिम चलाई, लेकिन हैरत की बात है कि सनी हाउसिंग सोसायटी की तरफ से कभी भी कोई सदस्य प्लॉट हासिल करने के लिए सामने नहीं आया।

संस्था के कर्ताधर्ता हरीश तोलानी के खिलाफ कभी किसी ने शिकायत ही नहीं की। देवी अहिल्या की जमीन किसी एक व्यक्ति को नहीं बेची जा सकती थी। इसलिए कॉलोनी ने सनी हाउसिंग सोसायटी के नाम से संस्था बनाई। जिस जगह रंगून गार्डन बना हुआ है, उस जमीन को संस्था से खरीदना बताया। लगभग 70 प्लॉट खरीदकर उस पर गार्डन बना दिया।

दो दशक पहले साल 2000 में यह खरीदी-बिक्री हुई थी। संस्था के रिसीवर रहे आरके शर्मा को इस अवैध सौदे की पूरी जानकारी थी। लेकिन सौदा निरस्त कराने के बजाय उन्होंने रजिस्ट्री होने दी और कोई आपत्ति नहीं ली। श्री महालक्ष्मी नगर ब्राह्मण गार्डन की जमीन पर बना था।

संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष गोपीलाल ने सनी सोसायटी को 16 नवंबर 2000 को छह बड़े प्लॉट भी बेचे थे। खास बात यह है कि जिस जमीन को बेचा गया, वह इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना 132 में भी शामिल थी। इसके अलावा खजराना के सर्वे नंबर 162 में भी 8 रजिस्ट्री सनी हाउसिंग सोसायटी को हुई थी। इन 8 रजिस्ट्री से जो कॉलोनी विकसित हुई, उसे श्री कृपानगर नाम दिया गया। पुलिस प्रशासन को इन अवैध सौदों की जानकारी मिली तो इन रजिस्ट्री को शून्य कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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