- इंदौर सहित चार शहरों में 7 लाख यूनिट प्रतिदिन की मांग बढ़ी
गर्मी के साथ ही शहर में बिजली की खपत बढ़ गई है। वर्ष 2020 की तुलना में 50 लाख यूनिट बिजली की अधिक खपत हुई है। इंदौर के साथ ही उज्जैन, देवास व रतलाम में 7 लाख यूनिट प्रतिदिन की मांग बढ़ी है। इन चारों शहरों में अब मांग 1 करोड़ यूनिट प्रतिदिन पहुंच गई है। एसी, कूलर और पंखों का अचानक अधिक उपयोग शुरू हो गया है।
इसके साथ ही और रेफ्रिजरेटर कू कूलिंग भी बढ़ाई जाने लगी है जिससे बिजली की खपत बढ़ी है। शहर में बिजली की मांग बढ़कर 76 लाख यूनिट प्रतिदिन पर पहुंच गई है। फरवरी में इंदौर 20.05 करोड यूनिट की आपूर्ति हुई जो फरवरी 2020 से 50 लाख यूनिट ज्यादा है। इसी तरह उज्जैन, रतलाम व देवास शहरों में भी मांग 3 से 4 फीसदी तक बढ़ गई है। इन तीनों शहरों में मांग लगभग 25 लाख यूनिट प्रतिदिन पहुंच गई है। बिजली कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने कहा इंदौर सहित पूरे मालवा में अचानक बिजली मांग तेजी से बढ़ी है। संभवत: लगातार बढ़ते तापमान की वजह से ऐसा हुआ है। हालांकि प्राय: मालवा की बजाय
निमाड़ में अधिक तापमान रहता है, लेकिन इस बार मालवा के शहरों में बीते साल की तुलना में फरवरी में बहुत अधिक बिजली की खपत हुई है। इसके चलते हमने मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग को लेकर आदेश जारी किए हैं ताकि ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ने के कारण फॉल्ट की समस्या से निपटा जा सके।
प्रदेश में सबसे अधिक निर्माण और विकास कार्य इंदौर में ही चल रहे हैं। शहर के चारों तरफ सीमेंट के निर्माण हो रहे हैं। पेड़ों के जंगल ठंडक देते हैं, लेकिन सीमेंट के जंगल गर्मी ही देंगे। इसके साथ ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु में असामान्य परिवर्तन भी इंदौर के तापमान को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
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