बीते 15 दिन से लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा लसूड़िया क्षेत्र की कॉलोनियों में मरीज मिल रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग के पास मैन पॉवर की कमी है। रोज 35 लोगों की ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग मुश्किल से हो पा रही है, वहीं कई इलाके ऐसे हैं, जहां 50 से अधिक मरीज मिल रहे हैं। शुक्रवार को आला अधिकारियों से मैन पॉवर बढ़ाने की मांग भी की गई।
वैकल्पिक रूप से ऐसे इलाके, जहां कम मरीज आ रहे हैं, वहां के स्टाफ को इन इलाकों में भेजने पर विचार किया जा रहा है। शहर के चार क्षेत्र ऐसे हैं, जहां रोजाना 50 से ज्यादा केस मिल रहे हैं। इनमें राजेंद्र नगर, अन्नपूर्णा, लसूड़िया थाना और पलासिया थाना क्षेत्र प्रमुख हैं। हर थाना क्षेत्र में एक-एक डॉक्टर को तैनात किया गया है, जो पॉजिटिव आने वाले लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और सैंपलिंग का काम कर रहा है।
सालभर में तीन बच्चों ने कोरोना संक्रमण से दम तोड़ा
गुरुवार को झाबुआ जिले के 9 साल के बच्चे ने कोविड संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया। चोइथराम अस्पताल के डेप्यूटी डायरेक्टर डॉ. अमित भट्ट ने बताया कि बुधवार को बच्चे को यहां रैफर किया गया था। हमने कोशिश की, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। संक्रमण फैलने को लेकर वे बोले कि चार दिन बच्चे का इलाज झाबुआ में ही स्थानीय डाॅक्टर ने किया था।
शुरुआत में बुखार आने पर डेंगू समझकर इलाज किया। खास बात यह है कि बच्चे में शुरुआत में श्वसन संबंधी परेशानी के कोई लक्षण नहीं थे। संक्रमण पेट से शुरू हुआ। हमें परिजन ने बताया कि उसे पेटदर्द और दस्त की शिकायत हुई थी। उधर, इंदौर जिले की बात करें तो यहां तीन बच्चों की मौत कोविड संक्रमण से हुई है। कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग इंचार्ज डॉ. अनिल डोंगरे ने बताया इन बच्चों की उम्र 13, 14 और 15 साल थी।
हालात जानने संभागायुक्त पहुंचे सुपर स्पेशिएलिटी
कोविड संक्रमित मरीजों को मिल रही चिकित्सा सुविधाओं और खाने की व्यवस्थाओं का जायजा लेने शुक्रवार को संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरीजों से दवा की उपलब्धता, भोजन व अन्य सुविधाओं के बारे पूछा। यहां करीब दो सौ मरीज भर्ती हैं। हालांकि मरीजों ने किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की। आईडीए सीईओ विवेक श्रोत्रिय, डॉ. सुमित शुक्ला व डॉ. अजयदीप भटनागर साथ में थे। डॉक्टरों ने संभागायुक्त डाॅ. शर्मा को बताया कि मरीजों की उनके परिजन से निरंतर फोन पर बात करवाई जा रही है ताकि मनोबल बना रहे।
गौरतलब है कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हफ्तेभर पहले ही सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल को कोविड संक्रमित मरीजों के लिए शुरू किया है लेकिन यहां मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज का मैन पॉवर तीन अन्य अस्पतालों में भी बंट गया है। इसलिए अब कॉलेज प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि एमटीएच अस्पताल व एमआर टीबी अस्पताल से कुछ यूनिट्स की ड्यूटी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में लगाई जाएगी।
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