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खिचड़ी का बिगड़ा गणित:शिवरात्रि के पहले शहर में हर साल 90 टन साबूदाना बिक जाता था, इस बार 50 से 55 टन ही बिक पाया

 

साबूदाना खिचड़ी 
  • सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी साबूदानों की बिक्री 40% घटी

इंदौर में महाशिवरात्रि पर इस साल पिछले सालों की तुलना में कम जगह ही साबूदाना खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया जाएगा। महाशिवरात्रि पर शहर में साबुदाना खिचड़ी प्रसाद के वितरण का आयोजन कम जगह होने की मुख्य वजह कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन को बताया रहा है।

सियागंज के व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले सालों की तुलना में इस साल महाशिवरात्रि के समय साबूदाने की बिक्री में 40 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। शहर में आम दिनों में रोजाना 22 से 25 टन साबूदाने की बिक्री होती है, लेकिन महाशिवरात्रि पर यह बिक्री 4 गुना यानी 80 से 90 टन तक हो जाती है। इस साल शिवरात्रि पर साबूदाने की बिक्री में भारी गिरावट आई है।

व्यापारी बिक्री कम होने के पीछे साबूदाना खिचड़ी प्रसाद के वितरण आयोजन का कम होना बता रहे हैं। व्यापारी अक्षय छाबड़ा ने बताया कि हर साल शिवरात्रि पर साबूदाने का रेट ज्यादा होने के बाद भी बिक्री में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती थी। इस बार बिक्री में बढ़ोत्तरी होने की जगह 40 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।

जबकि हर साल की तुलना में इस साल साबूदाने के रेट में भी गिरावट आई है। पिछले साल जहां साबुदाना लूज का रेट 55 रुपए किलो था वहीं इस साल साबूदाना लूज का रेट 48.50 पैसे हैं। इसी तरह पिछले साल साबूदाना पैकिंग का रेट 62 रुपए किलो था वहीं इस साल पैकिंग का रेट 52 रुपए हैं। दोनों ही भाव थोक रेट में हैं।

सियागंज में हर साल 90 टन तक होती थी बिक्री
सियागंज में साबूदाना की होल सेल की लगभग 18 से 20 दुकानें हैं। जहां से शहर और शहर के आसपास लगभग 50 किमी के दायरे में साबूदाने की पूर्ति की जाती है। सियागंज से हर साल शिवरात्रि के लिए 7 दिन पहले ही 80 से 90 टन साबूदाने की बिक्री हो जाती है, लेकिन इस साल मंगलवार तक कुल 50 से 55 टन साबूदाने की बिक्री ही हुई है।

इंदौर में घट रहा है साबूदाने का कारोबार
सियागंज से लगातार साबूदाने का व्यापार कम होता जा रहा है। इसके पीछे का कारण अन्य खर्चों का बढ़ना बताया जा रहा है। सियागंज के व्यापरियों का कहना है कि शहर में लोडिंग, अन- लोडिंग और खड़ी कराई जैसे अन्य खर्चों के बढ़ने के कारण फैक्टरी से सीधे छोटे शहरों के लिए साबूदाने की सप्लाय शुरू हो गई है। पहले इंदौर से उज्जैन, देवास, जावरा और ब्यावरा जैसे छोटे शहरों मे सप्लाय होता था। अब माल सीधे सप्लाय हो रहा है।

मूंगफली दाने में भी 20 प्रतिशत तक की गिरावट
सियागंज के व्यापारी अनिल तोतला ने बताया की मूंगफली दाने की बिक्री में भी 20 प्रतिशत की गिरावट आई है। व्यापारियों के अनुसार सियागंज से जहां पहले रोज़ाना 25 से 20 टन मूंगफली दाना की बिक्री होती थी वहीं अब 12 से 13 टन मूंगफली दाने की बिक्री हो रही है। व्यापारी कम बिक्री के पीछे शिवरात्रि में शहर में होने वाले भंडारों में कमी के साथ ही दाने के भाव में तेजी को भी एक कारण बता रहे है।

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