मप्र सरकार का बजट मंगलवार को विधानसभा में पेश होगा। इसमें आमजन पेट्रोल-डीजल पर वैट कम होने की आस लगाए बैठे हैं। ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन डीजल के दाम में 10 रुपए प्रति लीटर कटौती की मांग कर रहे हैं। वहीं, रियल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए क्रेडाई की मांग है कि पंजीयन की दर फिर से दो फीसदी घटाकर साढ़े 10 फीसदी पर लाई जाए। जैसे सितंबर से दिसंबर 2020 के दौरान शासन ने दर घटाई थी। इससे इस सेक्टर को बूस्टअप मिलेगा। हालांकि जानकारों के अनुसार राजस्व की हालत देखते हुए शासन द्वारा टैक्स कटौती में किसी तरह के फैसले लेना मुश्किल है।
उद्योग जगत उम्मीद कर रहा है कि बीते साल जो बजट में कटौती की गई थी सरकार उसकी भरपाई करेगी। खासकर सब्सिडी वाले मद में अधिक राशि आवंटित की जाएगी। इससे सूक्ष्म, लघु व मध्यम श्रेणी के उद्योगों की रुकी हुई करोड़ों की सब्सिडी एक बार फिर उद्योगों को मिलना शुरू हो सकेगी। एक मांग लंबे समय से जमीन को फ्री होल्ड करने की भी है। इकोनामिक कॉरिडोर को लेकर भी शासन कोई घोषणा कर सकती है। साथ ही इंदौर को उम्मीद है कि नए जो ब्रिज यहां पर प्रस्तावित हैं, उसके लिए शासन पीडब्ल्यूडी के पास ब्रिज मद में अधिक आवंटन कर सकता है। बीते साल कोरोना के चलते शासन ने विविध विभागों के बजट में 10 से 15 फीसदी की कटौती कर दी थी। इस बार अधिक बजट आवंटन होने पर रुके हुए विकास काम हो सकेंगे।
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