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इंदौर नगर निगम का काम देशभर में नंबर वन, तीसरे पायदान पर भोपाल; बेंगलुरु और शिमला रहने लायक शहरों में टाप पर

 

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने गुरुवार दोपहर रहने लायक सबसे टॉप शहर के साथ ही नगर निगम के काम की रैंकिग भी जारी की। शिमला और बेंगलुरु रहने लायक शहरों में टाप पर हैं। वहीं, 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में बेंगलुरु और 10 लाख से कम आबादी वाले शहर में शिमला नंबर वन पर है। इंदौर 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले नगर निगम में काम के आधार पर नंबर वन पर है। भोपाल को तीसरा स्थान हासिल हुआ है। रहने लायक शहरों में इंदौर एक पायदान पीछे फिसलकर नौवें नंबर पर पहुंच गया है। जबकि 2018 में शुरू हुई इस रैंकिंग में इंदौर आठवें पायदान पर था।

इसलिए इंदौर नगर निगम नंबर - 1
मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने रिजल्ट घोषित करते समय इंदौर नगर निगम की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि इंदौर नगर निगम ने ऐसा काम किया कि जिस गंदे नाले के पास कोई जाना पसंद नहीं करता था, आज उस नाले में क्रिकेट खेला जा रहा है। दंगल हो रहा है। लोग मैरिज एनिवर्सरी मना रहे हैं। इंदौर में एसआईसीटीएसल ऑफिस परिसर के स्मार्ट सिटी कंट्रोल कमांड सेंटर में आयोजित हुए कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, संभाग आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद रहे।

इस आधार पर जारी की रैंकिंग
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केंद्रीय मंत्री हरदीपपुरी ने गुरुवार दोपहर 1 बजे दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 111 शहरों के लिविंग इंडेक्स जारी किया। सरकार द्वारा विभिन्न मापदंडों के आधार पर शहरों की स्थिति के अनुसार उन्हें रैंकिंग दी गई है। इसमें शहरों की स्वच्छता, आबोहवा, वहां व्यापार का स्तर से लेकर नागरिकों की जागरुकता तक हर चीज को देखा गया। सड़क कनेक्टिविटी पर भी विशेष ध्यान दिया गया।

2018 में पुणे रहने लायक शहर में नंबर वन था

ईज ऑफ लिविंग यानी जीवन की सुगमता के आधार पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2018 में पहली बार रैंकिंग जारी की थी। पुणे ने इसमें बाजी मारी थी, टॉप-10 में भोपाल 10वें नंबर पर रहा था। नवी मुंबई दूसरे और ग्रेटर मुंबई तीसरे नंबर पर रहा था। देश की राजधानी नई दिल्ली टॉप-50 में भी जगह नहीं बना पाई थी। दिल्ली का रैंक 65वां था। उप्र का रामपुर शहर इस सूची में सबसे आखिरी में था। 116 बड़े शहरों में से कोलकाता ने इस सर्वेक्षण में शामिल होने से इनकार कर दिया था। अन्य प्रमुख शहरों में चेन्नई 14वें, अहमदाबाद 23वें, हैदराबाद 27वें स्थान पर हैं। उप्र का कोई भी शहर टॉप-10 में नहीं आ पाया था।

टॉप 10 रहने लायक शहर (10 लाख से ज्यादा आबादी)

पोजीशनशहरस्कोर
1बेंगलुरु66.70
2पुणे66.27
3

अहमदाबाद

64.87
4

चेन्नई

62.61
5सूरत61.73
6नवी मुंबई61.60
7कोयम्बटूर59.72
8

वडोदरा

59.24
9

इंदौर

58.58
10ग्रेटर मुंबई58.23

टॉप 10 रहने लायक शहर (10 लाख से कम आबादी)

पोजीशनशहरस्कोर
1शिमला60.90
2

भुवनेश्वर

59.85
3सिल्वासा58.43
4

काकिनाडा

56.84
5

सेलम

56.40
6वेल्लोर56.38
7

गांधीनगर

56.25
8

गुरूग्राम

56.00
9दावनगेरे55.25
10तिरुचिरापल्ली55.24

म्युनिसिपल परफॉर्मेंस रैंकिंग (10 लाख से ऊपर आबादी)

पोजीशनशहरस्कोर
1इंदौर66.08
2सूरत60.92
3भोपाल59.04
4पिंपरी-चिंचवड59.00
5पुणे58.79
6अहमदाबाद57.60
7रायपुर54.98
8मुंबई54.36
9विशाखापट्‌टनम52.77
10वडोदरा52.68

परफाॅर्मेंस रैंकिंग में 114 शहर शामिल
परफाॅर्मेस रैंकिंग के लिए 114 शहरों ने हिस्सा लिया था। इसमें 5 पिलरों और 100 इंडिकेशनों को शामिल किया गया था, इस आधार पर शहरों की रैंकिंग की गई।

ये 5 प्रमुख पिलर
नगर निगमों की सेवाएं, निगमों की आर्थिक स्थिति, निगम की पॉलिसी, तकनीक और प्रशासन कैसा है।

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