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कोरोना से उबरे डॉक्टर्स का संदेश- नया स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है, पूरी सावधानी बरतें पत्नी को बता दिया था, कभी भी मौत आ सकती है

 कोरोना संक्रमण के कारण शहर में आठ डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से डॉक्टर भी चिंतित हैं। हर दिन 500 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। लोगों का इलाज करते हुए जो डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए, वे जनता से अपील कर रहे हैं कि कोरोना की गंभीरता समझना जरूरी है। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल के साथ ही कोरोना वैक्सीन ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है।

पत्नी को बता दिया था, कभी भी मौत आ सकती है
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 22 दिन तक लगातार भर्ती रहने वाले डॉ. विवेक जोशी बताते हैं 45 प्रतिशत संक्रमण के साथ हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था। हफ्तेभर बाद भी आराम नहीं मिला तो एक दिन ऐसा लगा कि कभी भी मौत आ जाएगी, तब पत्नी को वॉट्सएप कर सब बता दिया कि मेरे अकाउंट से पैसे कैसे निकालना, इंश्योरेंस कैसे मिलेगा। अब शहर को यही कहना चाहता हूं कि सावधानी ही बचाव है।

डॉक्टर ने घर वालों को कह दिया था बचना मुश्किल
डॉ. रमेश आर्य कहते हैं 19 दिन हॉस्पिटल में रहा। फेफड़े 90 प्रतिशत तक संक्रमित हो चुके थे। डॉक्टर ने घर वालों को कह दिया था कि बचना मुश्किल है। लोगों से यही कहूंगा कि कोरोना को बिलकुल हल्के में न लें। आपकी एक गलती की कीमत आपकी पीढ़ियाें को भुगतना पड़ेगी। अनावश्यक तौर पर घर से बाहर नहीं निकलें। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। नया स्ट्रेन तेजी से फैलने वाला है।

आप अकेले बीमार नहीं होते, पूरा परिवार भुगतता है
डॉ. सुमित शुक्ला बताते हैं पॉजिटिव होने के बाद 8 से 9 दिन हॉस्पिटल में एडमिट रहा। हम अधिकतर डॉक्टर मरीजों को देखते हुए संक्रमित हुए, लेकिन शहर के अधिकतर लोग लापरवाही के कारण संक्रमित हो रहे हैं। बिना काम बाजार में सैर-सपाटा करने जा रहे हैं। कोरोना आया है तो जाएगा भी, लेकिन लोग यह नहीं समझ रहे कि जब परिवार से कोई बिछड़ता है तो क्या होता है, उन्हें यह समझने की जरूरत है।

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