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मंत्री श्री सिलावट ने दिये मॉडल तालाब बनाने के निर्देश



            जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने गत दिवस इंदौर संभाग के खण्डवा जिले के सर्किट हाउस में जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री जैन को निर्देश दिए कि जिले में कोई 2 बड़े तालाब चिन्हित कर उन्हें जनभागीदारी से विकसित करें। उन्होंने कहा कि इन तालाबों का जीर्णोद्धारगहरीकरण व सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जायें तथा इन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त भी किया जाये। इस दौरान मंत्री श्री सिलावट ने कलेक्टर श्री अनय द्विवेदी से दूरभाष से चर्चा कर जिले में तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि तालाबों का जीर्णोद्धार एवं गहरीकरण कार्य के लिए सांसद विधायक निधि की राशि भी उपयोग में ली जा सकती है। इसके अलावा समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधियोंसमाज के प्रबुद्ध नागरिकोंयुवाओंवकीलोंइंजीनियर्सपंचायत पदाधिकारियों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर तालाबों को जनभागीदारी से विकसित किया जाये।

*जल आंदोलन के माध्यम से कराये तालाबों का जीर्णोद्धार*

            मंत्री श्री सिलावट ने कार्यपालन यंत्री श्री जैन को निर्देश दिए कि यह कार्य हर हाल में वर्षा ऋतु शुरू होने से पहले आगामी 2-3 माह में पूर्ण कर लिये जायें। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन हैपानी का महत्व न केवल हमारे लिए हैबल्कि पशुओं के लिए भी पानी अनमोल हैइसलिए पानी का महत्व समझते हुए सभी के सहयोग से तालाबों को गहरा किया जायेताकि वर्षा का पानी इन तालाबों में अधिक मात्रा में एकत्र हो सके। मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने इस दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री जैन से कहा कि जनभागीदारी से जल आंदोलन चलाकर तालाबों का जीर्णोद्धार कर जल स्तर बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। जिसका फायदा किसानों को मिलेगा। उन्होंने तालाब की पाल को ऊँची करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज से पच्चीस बरस पहले हम ग्रामवासी नदी और तालाबों का जल पेयजल के रूप में भी उपयोग में लाते थेयह शुद्ध हुआ करता थालेकिन आज दुर्भाग्य यह है कि नदी-नालेतालाब सभी सूख चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तालाब सूखने से आज मवेशियों के लिए भी पीने के पानी का नैसर्गिक स्रोत समाप्त हो चुका है।

*मंत्री श्री सिलावट ने की मत्स्य पालन गतिविधियों की समीक्षा*

            मत्स्य पालन मंत्री श्री सिलावट ने सहायक संचालक मत्स्योद्योग से भी सर्किट हाउस में चर्चा कर जिले में मत्स्य पालन गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने सहायक संचालक मत्स्य उद्योग को निर्देश दिए कि सभी पात्र मछुआरों को फिशर मेन क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करायें। इस दौरान सहायक संचालक ने बताया कि जिले में कुल 230 तालाबों में मछली पालन हो रहा हैजिसमें 135 ग्रामीण शासकीय तालाब, 26 निजी ग्रामीण तालाबग्राम पंचायत क्षेत्र में 13, जनपद के अधीन 44, जिला पंचायत के अधीन 1, मत्स्य महासंघ के अधीन 2 तथा नगरीय निकाय क्षेत्र में 5 तालाब व वन क्षेत्र में 4 तालाब शामिल है। मत्स्य पालन मंत्री श्री सिलावट ने इस दौरान निर्देश दिए कि मछुआरों तथा भोई समाज के लोगों को मत्स्य पालन गतिविधियों के लिए शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जायें। सहायक संचालक मत्स्य उद्योग ने बताया कि जिले में 117 मछुआरों के फिशर मेन क्रेडिट कार्ड बन चुके है तथा 80 मछुआरों के क्रेडिट कार्ड तैयार किए जा रहे है। मत्स्य पालन मंत्री श्री सिलावट ने शेष मछुआरों को 3 दिवस में क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

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