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जमीन की जंग:‘प्लॉट लेते समय मैं अभिषेक था, अब बूढ़ा होकर अमिताभ बच्चन बन गया’

 

साहब, जब मैंने इस संस्था में प्लॉट लिया था, तब मैं अभिषेक की तरह था, लेकिन आज प्लॉट के इंतजार में बूढ़ा होकर अमिताभ बच्चन की तरह हो गया हूं फिर भी प्लॉट नहीं मिला।’ इस तरह अपनी पीड़ा श्रीराम सोसायटी के सदस्य भजन सिंह ने शनिवार को संस्था की सालों बाद हो रही विशेष साधारण सभा में व्यक्त की। किला मैदान स्थित सहकारी भवन में यह बैठक हुई। एक अन्य सदस्य खुशमीत सिंह गांधी ने कहा कि सालों से मिल रही है तो सिर्फ तारीख पर तारीख लेकिन साहब प्लॉट नहीं मिलता है। नई मुहिम के बाद फिर हम सदस्यों को उम्मीद जागी है, बस यह आखिरी मुहिम हो और हम सभी के घर का सपना पूरा हो जाए।

पीड़ितों की समस्याएं सुलझाने समिति बनाएंगे

कई सदस्यों ने रूआंसे होकर अपनी बात कही। बैठक में सभी सदस्यों ने एक सुर में प्रस्ताव पास किया कि संस्था की जो जमीन बिक गई है, उसकी रजिस्ट्री शून्य कराई जाएगी, जो स्वेच्छा से जमीन सरेंडर कर रहे हैं, इसमें समय कम लगेगा और जिनकी नहीं होगी, वह कोर्ट से कराई जाएगी। वहीं समस्याओं के निराकरण के लिए एक समिति का भी गठन करने का प्रस्ताव पास किया गया। संस्था में अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर भी पहुंचे और और उन्होंने पीड़ितों को संदेश दिया कि प्रशासन आपकी लड़ाई में पूरी तरह से साथ है। किसी अनधिकृत व्यक्ति को दखल नहीं देने दिया जाएगा और हर लड़ाई में आपका साथ देंगे। पुष्पविहार, अयोध्यापुरी की तरह आपको भी जल्द मौके पर कब्जे दिए जाएंगे।

51 एकड़ में 30 एकड़ जमीन बिक गई, परेशान 1008 सदस्य
संस्था के पास 51 एकड़ जमीन थी। इसमें से साढ़े 5 एकड़ खजराना मंदिर विस्तार में दी गई है। वहीं सवा 4 एकड़ में कॉलोनी पहले विकसित हो चुकी है। वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक व संस्था के प्रशासक सुनील रघुवंशी ने कहा कि संस्था के पास अभी केवल 11 एकड़ जमीन है। यहां की 30 एकड़ अवैध रूप से बिक चुकी है। वहीं 11 एकड़ में तीन खसरे हैं। इसमें आरई टू रोड, एक में खजराना से कनाड़िया को जोड़ने वाला रोड प्रस्तावित है और एक पर कुछ अवैध रूप से मकान बने हैं। संस्था के 1008 सदस्य हैं। इन सभी के पास रसीदें हैं। जो जमीन संस्था को मिलेगी, उस हिसाब से कार्ययोजना बनेगी।

स्कीम 140 में 108 प्लॉटधारकों की राह भी हुई आसान
उधर, स्कीम 140 में 108 प्लॉटधारकों को भी प्लॉट मिलने और मकान बनाने की मंजूरी मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इन प्लॉटधारकों की फाइल नगर निगम के पास अटकी थी। कलेक्टर के आदेश के बाद जांच पूरी होने पर इसे क्लीन चिट मिल गई है। अब अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर द्वारा इस संबंध में नगर निगम को जल्द पत्र जारी किया जाएगा, जिस पर निगम द्वारा इन प्लॉटधारकों को भवन मंजूरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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