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ड्रग अलर्ट:कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं है नशे की अंधी लत का शिकार, अचानक बदले स्वभाव तो हो जाएं अलर्ट

 

नशा, एक ऐसा शब्द जिसे लेकर आज हर टीनएजर बच्चे के माता-पिता चिंतित हैं। ये चिंता इस बात की है कि कहीं उनका बच्चा भी किसी नशे की गिरफ्त में न आ जाए। आज 9वीं-10वीं तक आते-आते बच्चे स्मोकिंग और नशीले पदार्थों के आदी हो जाते हैं। थोड़ी-सी समझदारी और सही तरीके से बच्चाें को गाइड किया जाए तो वे किसी भी प्रकार के व्यसन से दूर रह सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप अपने बच्चे को नशे के अंधेरे से दूर रख सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान-

  • बच्चे के स्वभाव में बदलाव दिखे तो अलर्ट हो जाएं : नशे की लत लगने पर सबसे पहले स्वभाव में बदलाव आता है। चिड़चिड़ापन, गुस्सा, मूड अचानक बदलना, घबराहट होना, याददाश्त कमजोर पड़ना, नींद न आना, सिर दर्द बने रहना। अगर ऐसे बदलाव बच्चे में दिखें तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
  • बच्चे की संगत पर ध्यान दें : आपको ये पता होना चाहिए कि बच्चे की संगत कैसी है। वो किन लोगों के साथ अपना ज्यादा समय बिता रहा है। स्कूल-कोचिंग के बाद कहां जाता है।
  • कहीं आप खुद तो नहीं हैं उसके बिगड़ने की वजह : कहीं आप खुद तो किसी प्रकार के नशे के आदी नहीं हैं और बच्चा आपसे ये सब सीख रहा हो। बच्चों के सामने किसी प्रकार का नशा न करें। न ही उनसे किसी प्रकार के नशीले पदार्थ मंगवाएं।
  • नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताएं : बहुत सारे पैरेंट्स बच्चों से इसलिए नशे की लत के बारे में बात नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि हमारा बच्चा कभी इसके चंगुल में नहीं आ सकता। ये सोच गलत है। बच्चे से खुलकर नशे की गलत आदतों और दुष्प्रभावों के बारे में बात करें।
  • काउंसलर की मदद लें : बच्चा अगर किसी किस्म के नशे के प्रभाव में आ गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर और काउंसलर की मदद लें। बच्चे का सच छुपाने की कोशिश न करें।
  • पॉकेटमनी पर ध्यान रखें : बच्चा अपनी पॉकेटमनी कहां और किन चीजों पर खर्च कर रहा है। इस बात का ध्यान रखें। संभव हो तो उसकी नेट सर्फिंग भी चेक करें।

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