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बंगाल में मोदी : बोले- तृणमूल सरकार ने पुरुलिया के लोगों को जलसंकट और पलायन दिया; दीदी इसका जवाब कौन देगा?

 

पश्चिम बंगाल के सियासी घमासान में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाला। वे पुरुलिया में रैली को संबोधित कर रहे हैं। मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत बांग्ला भाषा में ही की। उन्होंने कहा कि पुरुलिया में पानी का संघर्ष बड़ी समस्या है। यहां पहले वापपंथियों और फिर तृणमूल की सरकार ने उद्योगों को नहीं पनपने दिया। पानी के जो इंतजाम किए जाने थे, वह नहीं किए गए। यहां लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने की बजाय TMC सरकार अपने ही खेल में लगी रही। इन लोगों ने पुरुलिया को जलसंकट, पलायन और भेदभाव भरा शासन दिया है। इन्होंने पुरुलिया की पहचान बनाई है, देश के सबसे पिछड़े इलाके के रूप में। यहां गैस पाइप लाइन का काम बीते आठ साल से अधूरा पड़ा है। यहां बांध का काम भी अधूरा पड़ा है। इसका जवाब कौन देगा। दीदी यहां के लोग आपसे जवाब मांग रहे हैं।

मोदी के भाषण की अहम बातें
भगवान राम के नाम से की शुरूआत

यह धरती भगवान राम और माता सीता के वनवास की भी साक्षी रही है। यहां अजुध्या पर्वत है, सीता कुंड है। अजुध्या नाम से ग्राम पंचायत भी है। कहते हैं कि जब माता सीता को प्यास लगी थी, तो रामजी ने जमीन पर बाण मारकर पानी की धारा निकाल दी थी। सोचिए जब पुरुलिया में जमीन में पानी का स्तर क्या रहा होगा। यह विडंबना है कि आज मेरे किसान आदिवासी भाइयों को इतना पानी भी नहीं मिलता कि वे सही से खेती कर सकें। यहां की महिलाओं को पीने के पानी के इंतजाम के लिए बहुत दूर तक जाना पड़ता है।

डबल इंजन की सरकार बंगाल का विकास करेगी
मैं आज पुरुलिया के लोगों को पूरे जगलमहल क्षेत्र के लोगों को विश्वास दिलाने आया हूं कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनने के बाद आपकी इन दिक्कतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाएगा। बंगाल में जब डबल इंजन की सरकार बनेगी, तब यहां विकास भी होगा ओर आपका जीवन भी आसान बनेगा। यहां पुरुलिया में तो टूरिज्म और हैडिक्राफ्ट की इतनी संभावनाएं है। इन्हें बढ़ावा दिया जाएगा। यहां जैसा जल संकट देश के दूसरे हिस्सों में भी रहा है, लेकिन वहां भाजपा की सरकारें रहीं तो वहां हजारों किलोमीटर की पाइप लाइट बिछवाईं। पानी की समस्या दूर हुई तो वहां के किसान अलग-अलग फसलों को बोने लगे।

रोजगार के अवसर बनाएंगे
पुरुलिया समेत इस पूरे क्षेत्र में विकास की असंख्य संभावनाए हैं। पश्चिम बंगाल के हर हिस्से को रेल सेवा से जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। इस समय पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों में 50 हजार करोड़ के विकास कामों को मंजूरी दी जा चुकी है। दो मई के बाद यहां जब भाजपा सरकार बनेगी तो पश्चिम बंगाल में जो दानपुनी तक का जो सेक्शन है वहां भी फ्रेट कॉरिडोर का काम शुरू कर दिया जाएगा। पुरुलिया भी इससे जुड़ेगा और यहां रोजगार के अनेक अवसर बनेंगे।

यहां कृषि आधारित उद्योगों पर बल दिया जाएगा, ताकि यहां के युवाओं को यहीं के यहीं रोजगार मिल सके। दलित, आदिवासी और पिछड़े इलाकों के युवा रोजगार से जुड़ सकें, इसके लिए कौशल विकास पर फोकस किया जाएगा।

घोष ने दिए चुनाव न लड़ने के संकेत
मोदी की रैली से पहले बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक पार्टी के उम्मीदवारों में उनका नाम नहीं रखा है। पार्टी ने तय किया है कि वे प्रदेश अध्यक्ष हैं, ऐसे में पार्टी ने उन्हें पूरे राज्य में प्रचार का जिम्मा और चुनाव लड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

बंगाल में मोदी की संभावित रैलियां

  • 20 मार्च- खड़गपुर
  • 21 मार्च- बांकुड़ा
  • 24 मार्च- कांथी
  • 1 अप्रैल- मथुरापुर और उलबेड़िया
  • 3 अप्रैल- आरामबाग

बचे उम्मीदवारों का ऐलान जल्द
इस बीच भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बुधवार को बैठक हुई। मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा मौजूद थे। बैठक में बंगाल के पांचवें और छठे फेज की 88 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा हुई।

बैठक से निकलकर भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि पश्चिम बंगाल के बाकी चार फेज की सीटों पर उम्मीदवारों का नाम तय हो चुका है। इसकी घोषणा पार्टी हाईकमान द्वारा एक-दो दिन में की जाएगी। भाजपा ने अभी बंगाल के चार फेज के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है। अभी चार फेज की सूची आना बाकी है।

दो बार हो चुकी है चुनाव समिति की बैठक
इससे पहले भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं। इसमें बंगाल के चार फेज की सीटों और असम, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी की सीटों पर प्रत्याशी तय किए जा चुके हैं। पार्टी ने रविवार को हुई मीटिंग में बंगाल के तीसरे चरण की 31 में से 27 और चौथे चरण की 44 में से 36 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी।

बंगाल में 8 फेज में चुनाव
पश्चिम बंगाल में इस बार 8 फेज में वोटिंग होगी। 294 सीटों वाली विधानसभा के लिए वोटिंग 27 मार्च (30 सीट), 1 अप्रैल (30 सीट), 6 अप्रैल (31 सीट), 10 अप्रैल (44 सीट), 17 अप्रैल (45 सीट), 22 अप्रैल (43 सीट), 26 अप्रैल (36 सीट), 29 अप्रैल (35 सीट) को होनी है।

असम में तीन चरणों में चुनाव
असम की 126 सीटों के लिए 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को तीन चरणों में चुनाव होना है। पहले चरण में कुल 47 सीटें हैं। दूसरे में 39 और तीसरे चरण में 40 सीटों पर मतदान होगा। मतगणना 2 मई को होगी।

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