भारत सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसूति गृह और प्रसूति ऑपरेशन थिएटरों में देख-भाल की गुणवत्ता में सुधार के लिए "लक्ष्य" पहल की शुरूआत की है। यह प्रसव पूर्व और तत्काल प्रसवोत्तर अवधि पर केन्द्रित एक बहुआयामी दृष्टिकोण है। शिशुओं के जन्म के समय प्रसव कक्षों में देखभाल की गुणतत्ता बेहतर करना अत्यंत जरुरी है, ताकि माँ एवं नवजात शिशु दोनों के ही जीवन में कोई खतरा न हो।
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'लक्ष्य प्रसव कक्ष गुणवत्ता सुधार पहल' लॉन्च की गई है। यह कार्यक्रम प्रसव कक्ष, मेटरनिटी ऑपरेशन थिएटर और प्रसूति संबंधी गहन देख-भाल इकाइयों तथा उच्च निर्भरता इकाइयों में गर्भवती महिलाओं के लिये देख-भाल की गुणवत्ता में सुधार करेगा। यह गर्भवती महिला और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जन्म लेने वाले नवजातों को लाभान्वित करेगा। इस पहल के तहत बहु-आयामी रणनीति अपनाई गई है। जैसे-बुनियादी ढाँचे के उन्नयन में सुधार, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना, पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य देख-भाल कार्मिकों की क्षमता का निर्माण और प्रसव कक्ष में गुणवत्ता प्रक्रियाओं में सुधार करना है। जन्म देने वाली माताओं की गोपनीयता सुनिश्चित करना, प्रसव के दौरान एक आरामदायक स्थिति प्रदान करना, महिलाओं के साथ मौखिक या शारीरिक रूप से अनुचित व्यवहार की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करना और अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा किसी भी तरह के शुल्क या पारितोष की मांग नहीं किया जाना कार्यक्रम में शामिल दिशानिर्देश हैं।
लक्ष्य कार्यक्रम के अंतर्गत इंदौर के शासकीय पी.सी. सेठी चिकित्सालय ने विभिन्न चरणों में क्रमबद्ध तरिके से अपने आप को मूल्यांकन के लिए प्रस्तुत किया। अगस्त 2019 में आंतरिक मूल्यांकन में यह प्रतिशत 35-40 था, किन्तु दो माह के अथक परिश्रम के बाद ही यह प्रतिशत 80 तक पहुँचा और राज्य शासन ने राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन के लिए चिन्हित किया। अप्रैल 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन किया जाना था, किन्तु कोविड-19 महामारी की स्थितियों में यह संभव नहीं हो पाया। 08 जनवरी 2021 को वर्चुअल मूल्यांकन हुआ, जिसमें विजय नगर आंध्रप्रदेश के डॉ. एस.वी.आर. कुमारी तथा स्टेट क्वालिटी नोडल ऑफिसर केरल डॉ. रेजी मूल्यांकन दल के सदस्य थे। जिन्होंने 8 एरिया सर्विस प्रोविजन, पेशेंट राईट, इनपुट्स, सपोर्ट सर्विसेस, क्लीनिकल सर्विसेस, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी तथा आउटकम में मूल्यांकन किया गया, जिसमें संस्था को 97 प्रतिशत स्कोर प्राप्त हुआ।
लक्ष्य की नोडल डॉ. ज्योति सिमलोट ने बताया कि चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ के सहयोग व परिश्रम से ही संस्था ने यह उपलब्धि पाई है। अस्पताल की उपलब्धियों को देखते हुए डॉ. ज्योति सिमलोट को देवास, रायसेन, धार एवं खरगोन जिले में भी मेंटर के रुप में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए भेजा गया । इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या ने पी. सी. सेठी चिकित्सालय के चिकित्सकों एवं स्टाफ को बधाई दी।
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