सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती, फिर विदेशी गिफ्ट-मुद्रा भेज जाल में फांसने वाले नाइजीरियन गिरोह ने ठगी का नया ट्रेंड शुरू किया है। यह गिरोह अब बेरोजगार युवा, किसान, मजदूरों से उनके नेशनल बैंक के खाते, एटीएम और खाते से जुड़े मोबाइल नंबर की सिम 8 से 10 हजार रु. माह में खरीद रहे हैं।
चौंकने की बात यह है कि पिछले डेढ़ से दो सालों में इस गिरोह ने जामताड़ा (झारखंड) के बाद मप्र को अपना हॉट स्पॉट बना लिया। हाल ही में साइबर सेल ने पकड़े दो फ्रॉड केस में 15 से ज्यादा खाते इंदौर, जबलपुर, भोपाल, गुना, मुरैना के ट्रैक किए हैं। साइबर सेल इंदौर द्वारा पकड़े नाइजीरियन विज्डम ओबिना से पूछताछ पता चला कि देश में 10 हजार नाइजीरियन टूरिस्ट व व्यावसायिक वीजा पर दिल्ली के छतरपुर, तुगलकाबाद, बुराड़ी को अपना गढ़ बना चुके हैं।
गैंग का ऐसे हुआ खुलासा
मर्चेंट नेवी के ऑफिसर कैप्टन मोहित माहेश्वरी के साथ 67 लाख की जो ठगी की उसका पैसा आरोपियों ने अलग-अलग खाते में डलवाया था। 15 लाख इंदौर, 20 लाख ग्वालियर 10 लाख जबलपुर और शेष राशि अन्य शहरों के खातों में डलवाई। साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह की टीम ने इन सभी खातों के खाताधारकों को उठाया। पूछताछ के बाद खाते खरीदने की पतरों का पता चला और नाइजीरियन गैंग तक पहुंच पाए।
यह चौकाने वाली बात है
- ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले नाइजीरियन ने मप्र के शहरों में देहाती लोगों के बैंक खाते किराए पर ले रहे हैं। यह जांच एजेंसियों के लिए चौंकाने वाली बात है। हमारी टीमें इस नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास कर रही हैं। - योगेश चौधरी, एडीजी सायबर सेल
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