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अपील:कलेक्टर ने कहा पॉजिटिव दर स्थिर हो रही, 10 से 12 दिन में सुधार दिखेंगे

 

लॉकडाउन, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और बेड। कोरोना संक्रमण काल में इन चार बड़े सवालों के जवाब देते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने गुरुवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि लॉकडाउन नहीं, अब जनता कर्फ्यू चाहिए और यह अभी 10-15 दिन और चाहिए, जिससे संक्रमण फैलने की रफ्तार कम हो। रेमडेसिविर के लिए कंपनियों से लगातार बात चल रही है।

उन्होंने 22-25 अप्रैल के बाद इसकी सप्लाय बढ़ाने की बात कही है। मई के पहले सप्ताह में यह बड़ी संख्या में आ जाएगी। इसके बाद मरीजों को ऑक्सीजन भी नहीं लगेगी, क्योंकि 15-20 फीसदी संक्रमण होने पर मरीज को रेमडेसिविर लगने पर ऑक्सीजन की अधिक मांग नहीं होती। यह समय एकजुट होकर शहर को बचाने का समय है। इसमें पूरे समाज की मदद लगेगी। डीआईजी मनीष कपूरिया ने भी कहा कि समय कठिन है और मिलकर शहर को बचा सकते हैं।
प्राणवायु का हिसाब

  • 65 टन लिक्विड गुजरात, भिलाई से मिल रही
  • 12-15 टन सिलेंडर से
  • 80 टन की मांग है
  • 60 टन रिलायंस से मिलेगी
  • 1 प्लांट पीथमपुर में तैयार हो रहा

बेड की स्थिति

  • 7 हजार बेड हैं
  • 7 हजार तक बेड राधा स्वामी सत्संग ब्यास में तैयार होंगे

सवाल : मौतें क्यों छुपा रहे? जवाब : मरने वालों में 50% बाहर के, आंकड़ों से ज्यादा आपदा प्रबंधन पर जोर

सवाल : कब तक स्थिति बेहतर होगी?
जवाब : पॉजिटिव दर 15 से 18 फीसदी के बीच स्थिर होती नजर आ रही है। रेमडेसिविर 25 के बाद आने पर स्थिति में बदलाव आएगा। 10-12 दिन बाद इसमें सुधार की उम्मीद है।
सवाल : अस्पतालों से लगातार शिकायत आ रही है। मरीजों से रेमडेसिविर और ऑक्सीजन मंगा रहे हैं?
जवाब : ऑक्सीजन की दिन-रात व्यवस्था कर रहे हैं। फोन आते ही सिलेंडर भिजवाए जा रहे हैं। रेमडेसिविर की किल्लत है। आईसीयू, एचडीयू में भर्ती मरीजों के अनुपात में रेमडेसिविर आने पर भेजते हैं।
सवाल : मौतें क्यों छिपाई जा रही हैं?
जवाब : ऐसा नहीं है। जो मौतें हो रही हैं, उनमें 50% बाहर के हैं और वैसे भी समय जान बचाने का है। ऐसे में अस्पताल से डेटा मिलान की जगह आपदा प्रबंधन पर ध्यान अधिक है।
सवाल : जानकारी क्यों नहीं मिल रही कि किस अस्पताल को कितनी रेमडेसिविर दी गई, जिससे परिजन पूछ सकें?
जवाब : इसकी व्यवस्था करेंगे कि 1075 या अन्य माध्यम पर यह सूचना हो कि कहां पर कितनी दवा भेजी गई।
सवाल : अस्पतालों से फिर अधिक राशि लेने, दवाओं की कालाबाजारी हो रही?
जवाब : एक भी जगह गलत बिल हो तो प्रशासन को शिकायत करें। तत्काल कार्रवाई होगी। बहुत बड़ी कार्रवाई से पहले वहां भर्ती मरीजों को देखना होता है, लेकिन इतनी कार्रवाई तो होगी कि सबक मिले। 
सवाल : वैक्सीनेशन धीमा क्यों हो गया?
जवाब : ऐसा लग रहा है कि लोगों को बाहर निकलने में डर लग रहा है। 45 साल से अधिक उम्र वाले साढ़े 5 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। करीब साढ़े 4 लाख और बचे हैं। इन्हें आगे आना चाहिए
सवाल : ऐसे हालात में समाज के लिए कोई अपील?
जवाब : मास्क पहनें, वैक्सीन लगवाएं। सभी जगह कमजोरी होती है, हममें भी कोई होगी। यह समय हिसाब-किताब का नहीं है। निराश होने का भी नहीं है। हौसला रखें और मिलकर काम करें।

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