- टेंट, लाइट एंड साउंड, फोटोग्राफर, कैटरिंग, बैंड व घोड़ा-बग्घी सहित 10 से ज्यादा एसो. शामिल
कोरोना के बढ़ते मामलों को देख जिला प्रशासन ने शादी समारोह में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दे रखी है। इसका असर मैरिज डेकोरेटर, टेंट कारोबारी, कैटरिंग सर्विस सहित सैकड़ों कारोबारियों पर पड़ रहा है। आर्थिक रूप से परेशान इंदौर वेडिंग एसोसिएशन सहित अन्य एसोसिएशन के सदस्यों ने शनिवार को रीगल तिराहे पर मानव शृंखला बनाकर मौन प्रदर्शन किया। उन्होंने हाथ जोड़कर मांग रखी कि शादी में मेहमानों की संख्या 50 से बढ़ाकर 250 की जाए। मेरी भूख मेरा प्रदर्शन में मैरिज डेकोरेटर एसोसिएशन, टेंट ऑनर्स, लाइट एंड साउंड, फोटोग्राफर एसोसिएशन, हलवाई एसो, सर्विस कैटरिंग, बैंड, घोड़ा, बग्घी, ढोल, इवेंट मैनेजमेंट, ऑल वेडिंग एंड वेंडर, आतिशबाजी, मंच कलाकार, श्रमिक एसोसिएशन आदि के सदस्य शामिल हुए।
वेंडर एसोसिएशन ऑफ फूड कैटरिंग अध्यक्ष अजीतसिंह गुर्जर ने बताया कि पिछले साल भी मार्च से लेकर जून तक लॉकडाउन लगा था। इसके चलते शादियों के सारे मुहूर्त चौपट हो गए। फिर जून में भी पहले 10 और अधिकतम 50 मेहमानों की अनुमति ही दी गई। देवउठनी ग्यारस से शादियों के मुहूर्त शुरू हुए और फिर से संक्रमण बढ़ने लगा। कई ने शादियों को आगे बढ़ा दिया तो कई ने आयोजन छोटे स्वरूप में किए। दिसंबर-जनवरी में कुछ ही शादियां हो सकीं। अब इस महीने फिर से मुहूर्त शुरू हो रहे, लेकिन फिर प्रशासन ने शादी समारोह में सिर्फ 50 मेहमानों की ही अनुमति है। इससे शादियों से जिन भी लोगों का कारोबार जुड़ा है वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
35 मुहूर्त में 50% शादियां हो चुकी हैं निरस्त
फूड कैटरिंग एसो. सचिव पारस जैन व संरक्षक संतोष मालवीय, गणेश पारे बताते हैं कि शहर में 200 से ज्यादा गार्डन, होटल्स, धर्मशालाएं, मांगलिक परिसर हैं। 22 अप्रैल से 13 जुलाई तक करीब 35 मुहूर्त हैं। इस सीजन में 400 से 500 शादी-ब्याह के समारोह हैं। 25 अप्रैल को बड़ा मुहूर्त है और बड़ी संख्या में शादियां होगी। इसके बाद 2, 9 एवं 16 मई को भी ज्यादा शादियां हैं, उस दिन रविवार को प्रशासन ने लॉकडाउन घोषित कर रखा है।
अब शादियां कैसे होगी? अभी तक करीब 40 से 50% शादियां निरस्त हो चुकी हैं। वे अब बुकिंग की राशि वापस मांग रहे हैं। बाकी 50% परिजन असमंजस की स्थिति में हैं कि 50 सदस्यों में किस तरह शादियां करेंगे। परिवार वालों की सबसे बड़ी समस्या है कि 50 मेहमानों में तो दोनों परिवारों के सदस्य शामिल नहीं हो पाएंगे। शादियां हों या न हों, लेकिन हर माह बिजली बिल, स्टाफ वेतन, गोदाम का किराया, कर्ज की किस्त जारी है।
तख्तियों पर 80 हजार लोगों का कारोबार चौपट होने की पीड़ा
हर साल इंदौर में 10 हजार शादियां होती थी। इस साल शादियां कम मुहूर्त के कारण काफी कम हुई हैं या जो हुई हैं कोरोना के कारण काफी छोटे स्वरूप में हुई हैं। सीधा असर इस इंडस्ट्री से जुड़े 80 हजार लोगों के जीवन यापन और भविष्य पर पड़ रहा है। यह पीड़ा इंदौर वेडिंग प्लानर्स इंडस्ट्रीज के नवीन जैन, मप्र बैंड एसो. अध्यक्ष अब्दुल नौशाद, टेंट ऑनर्स एसो. के कमल कालानी आदि ने जाहिर की है। सभी ने कहा कि सरकार से मांग है कि शादियों में 50 लोगों की बजाए 250 अनुमति दी जाए, ताकि शादियां निरस्त न हों। 50 मेहमानों की सीमा इस इंडस्ट्रीज को चलाने के लिए अव्यवहारिक है।
50 मेहमानों में कैसे शादी समारोह हो
1. एबी रोड स्थित सुपर सिटी निवासी संगीता परमार बताती हैं कि 14 मई को बेटे अंकित की शादी है। 16 मई को रिसेप्शन तय है। अब हर रविवार को लगने वाले लॉकडाउन ने चिंताएं बढ़ा दी है कि रिसेप्शन किस तरह करेंगे? 50 मेहमानों में किस तरह से शादी होगी, समझ नहीं आ रहा।
2. छोटा बांगड़दा स्थित हाईलिंक सिटी निवासी सुनीता लड्डा बताती हैं कि 29 व 30 अप्रैल को बेटे मयंक की दस्तूर गार्डन में शादी है। सिर्फ 50 मेहमानों में पंडित को भी शामिल करना है। एक ही बेटा है, अब किस तरह शादी होगी ये समझ नहीं आ रहा हैं। मेहमानों की संख्या 250 करनी चाहिए।
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