- रेडक्रास सोसायटी, नगर निगम, जिला प्रशासन एवं इप्का कंपनी के माध्यम से तैयार हाे रहा प्लांट
- एक माह बाद हमारे पास हाेंगे ऑक्सीजन के चार प्लांट, नहीं रहेगी ऑक्सीजन की किल्लत
कोरोना महामारी जिस तेजी से पैर पसार रही है, उसकाे देखते हुए अब प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारी कर रहा है। जिला अस्पताल के नर्सिंग काॅलेज में एक काेविड सेंटर बनाने के बाद अब अगला काेविड सेंटर औद्याेगिक क्षेत्र में तैयार हाे रहा है, जिसका काम शुरू हाे गया है। 250 बेड का यह काेविड सेंटर दस दिन में बनकर तैयार हाे जाएगा, यहां एक ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया जाएगा। इस हिसाब से आने वाले एक माह बाद हमारे पास ऑक्सीजन के चार प्लांट हाे जाएंगे।
कलेक्टर चंद्रमाैली शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कोविड के बढ़ते केस को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क होकर कार्य कर रहा है। आगामी दिनों में कोविड की बढ़ती संख्या को देखते हुए देवास के औद्योगिक क्षेत्र में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आगामी 10 दिन में इसका काम पूरा हो जाएगा, जिसमें इप्का कंपनी द्वारा ऑक्सीजन जनरेटर की व्यवस्था की जा रही है। कंपनी द्वारा इसे एयरकूल्ड भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया अगल-अलग केबिन बनाए जा रहे हैं, जहां पर मरीजों को रखेंगे। यहां पर कंपनी द्वारा जो ऑक्सीजन पाइंट दिया जा रहा है, उससे लगभग 100 बेड ऑक्सीजन युक्त रहेंगे। कलेक्टर ने बताया कि भविष्य में यदि हमें और जरूरत पड़ी ताे राधास्वामी सत्संग भवन हाॅल में भी एक काेविड सेंटर तैयार किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने दिस दिन में तैयार करने के दिए निर्देश
औद्याेगिक क्षेत्र में बन रहे इस काेविड सेंटर काे रेडक्रास सोसायटी, नगर निगम, जिला प्रशासन एवं इप्का कंपनी के माध्यम से तैयार किया जा रहा है। कलेक्टर चंद्रमाैली शुक्ला, नगर निगम आयुक्त विशालसिंह चाैहान ने शुक्रवार काे प्लांट पर चल रहे काम का निरीक्षण किया और संबंधिताें काे दस दिन में यह प्लांट तैयार करने के निर्देश जारी किए।
चार ऑक्सीजन प्लांट में से यह प्लांट जल्दी शुरू होगा
बता दें कि हमारे पास एक माह बाद ऑक्सीजन के चार प्लांट हाेंगे। एक प्लांट सरकार की ओर से स्वीकृत हुआ है। एक प्लांट विधायक गायत्रीराजे पवार द्वारा विधायक निधि से स्वीकृत किया है। इसके अलावा एक ऑक्सीजन प्लांट केंद्र की एक विशेष याेजना के तहत देवास में लगाया जाएगा। चाैथा प्लांट इप्का कंपनी का रहेगा, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि एक माह की अवधि में यह चाराें प्लांट बनकर तैयार हाे जाएंगे, जिससे कि ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त हाे सकेगी। इन सभी प्लांट में इप्का कंपनी का प्लांट पहले तैयार हाेगा, ऐसी संभावना है, इसके लिए गुजरात की एक एजेंसी काे ठेका दिया गया है।
रोज 100 से अधिक जम्बाे ऑक्सीजन सिलेंडराें का हाेगा उत्पादन, जिला अस्पताल के अलावा अन्य काे नहीं मिलेगी ऑक्सीजन
जिला अस्पताल के पीछे की तरफ दाे दिन से नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के फाउंडेशन का काम चल रहा है। ठेकेदार काे काम 7 दिन में खत्म करने के अधिकारियाें ने निर्देश दिए हैं, जिससे की अगले सप्ताह में बाहर की कंपनी आकर ऑक्सीजन तैयार करने की मशीनाें काे इंस्टाॅल कर सकें। मशीनें इंस्टाॅल हाेने के बाद प्रतिदिन प्लांट से 100 से अधिक जम्बाे सिलेंडर भर जाए इतनी ऑक्सीजन मिलने लगेगी। खास बात यह है कि यहां के प्लांट से तैयार हाेने वाली ऑक्सीजन का शहर के अन्य प्रायवेट अस्पतालाें काे नहीं दी जाएगी। निजी अस्पताल वाले पहले की तरह ही अपने स्तर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करेंगे।
सुबह से लेकर रात 11 बजे तक चल रहा है काम
ठेकेदार दिलीपसिंह पंवार ने बताया, एक दिन ताे जिला अस्पताल परिसर में जगह का चयन करने में निकल गया। अधिकारियाें के निर्देश पर मरचुरी रूम की तरफ जाने वाले रास्ते पर प्लांट के लिए फाउंडेशन और टीन शेड तैयार किया जा रहा है। एक सप्ताह में कार्य खत्म करने का कहा है। इसलिए अतिरिक्त मिस्त्री और मजदूराें काे लगाकर काम पूर्ण करवाया जा रहा है। सुबह से लेकर रात 10-11 बजे तक मजदूर काम कर रहे हैं। दाे दिन में गड्ढे खुदाई करने के बाद कालम खड़े कर लिए हैं। चाराें तरफ कालम खड़े करने के बाद दीवार बनेगी और फिर टीन शेड का काम शुरू कर दिया जाएगा। फॉउंडेशन और टीनशेड बनाकर देना है, जिसमें बाहर से आकर कंपनी ऑक्सीजन बनाने वाली मशीनाें काे लगाकर प्लांट चालू करेगी।
लाशें देख भाग जाते नए मजदूर
ठेकेदार पंवार ने बताया, ऑक्सीजन प्लांट का 1 सप्ताह में काम खत्म करने के लिए प्रतिदिन नए-नए मजदूर लाना पड़ रहे हैं। अाईसीयू रूम के पीछे की तरफ प्रतिदिन अस्पताल में उपचार के दाैरान मृत लाेगाें की बाॅडी बाहर स्ट्रेचर पर लाकर रख देते हैं। लाशें देखकर नए मजदूर एक दिन काम करने के बाद अगले दिन नहीं आते। स्थायी मजदूर भी बड़ी मुश्किल से काम कर रहे हैं। लाश देखने के बाद दिन में भाेजन भी नहीं करते हैं, क्याेंकि सामने से ही गंभीर मरीजाें काे लाने ले जाने का काम चलता रहता है।
इस माह के अंत तक प्लांट हाे जाएगा तैयार
सीएमएओ डाॅ. एमपी शर्मा ने बताया कि ठेकेदार से जल्द से जल्द टीनशेड निर्माण करने का कहा है। इस माह के अंत तक प्लांट तैयार हाे जाएगा, उसके बाद ऑक्सीजन के सिलेंडर भी भरने लगेंगे। इस प्लांट से जिला अस्पताल में भर्ती मरीजाें काे ही ऑक्सीजन मिल सकेगी, शहर के निजी अस्पतालाें काे ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करवा सकेंगे।
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