शनिवार को वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड कायम हुआ। कुल 33 हजार 999 लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाया। इनमें 31 हजार 996 लोग 45 से अधिक उम्र के थे। वैक्सीनेशन को लेकर भ्रांतियां दूर करने के लिए प्रशासन ने एक्सपर्ट की एक टीम बनाई। शनिवार को इसकी मीटिंग भी हुई, जिसमें लोगों के तमाम सवालों के जवाब दिए। विशेषज्ञों में डॉ. संजय दीक्षित, डॉ. हेमंत जैन, डॉ. सलिल भार्गव, डॉ. वीपी पांडे, डॉ. निशांत खरे, डॉ. सलिल साकल्ले शामिल थे। इंदौर में हो सकेंगे कोरोना से मृत लोगों के पोस्टमॉर्टम- कोविड से मरने वालों के पोस्टमॉर्टम की मंजूरी शासन से मिल गई है। मेडिकल काॅलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि परिजन की सहमति लेकर शव का पोस्टमॉर्टम होगा।
दोनों ही वैक्सीन से 83 % बचाव
1. कोवीशील्ड और कोवैक्सीन में से कौन सी बेहतर है?
- दोनों ही वैक्सीन बेहतर हैं। कम, ज्यादा का सवाल नहीं है। दोनों ही कोरोना से लड़ने में 83 फीसदी तक कारगर है।
2. वैक्सीन लगने के कितने दिन बाद एंटीबॉडी बनती है?
- कोवैक्सीन का दूसरा डोज 28 दिन, कोविशील्ड का 6 से 8 हफ्ते बाद लगता है। इसके 2-3 हफ्ते बाद एंटीबॉडी बनती है।
3. क्या दोनों वैक्सीन का एक-एक डोज लगवा सकते हैं?
- नहीं, दोनों वैक्सीन की एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया अलग-अलग है, इसलिए आपको एक ही वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने होंगे।
4. वैक्सीन लगाने के बाद किस तरह की समस्या आती है?
- सामान्य तौर पर एक से दो दिन हल्का बुखार हो सकता है। सर्दी, शरीर में दर्द, सूजन हो सकती है। पैरासेटेमाॅल ले सकते हैं।
5. वैक्सीन लगवाने के कितने दिन तक कोरोना से बचाव होगा?
- अभी बहुत ज्यादा स्टडी सामने नहीं आई है। जानकारी के आधार पर छह माह से एक साल तक कोरोना से बचाव हो सकता है।
6. हार्ट, शुगर, किडनी पेशेंट भी टीका लगवा सकते हैं क्या?
- इन बीमारियों वाले मरीज तो हाईरिस्क में हैं, इन्हें सबसे पहले टीका लगवाना चाहिए। कोरोना हो गया हो तो भी ठीक होने के बाद टीका लगवाना चाहिए।
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