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देह व्यापार का खेल:सात साल पहले 4 बच्चियाें का अपहरण कर देह व्यापार में धकेला

 

सात साल पहले देवास की एक और पीपलरावां थाना क्षेत्र के गांव की तीन बच्चियाें का अपहरण हाे गया था। बच्चियाें के नहीं मिलने पर परिजन पीपलरावां थाना, एसपी ऑफिस और कलेक्टाेरेट में आवेदन दिए, लेकिन पता नहीं चल सका। 7 महीने पहले एसपी डाॅ. शिवदयालसिंह ने देवास में ज्वाइन किया और गुमशुदी बच्चियों की तलाश के लिए टीम बनाई। टीम निकली तो सफलता मिली और चार बच्चियों को देह व्यापार के दल-दल से निकालकर उनके माता-पिता से मिलवा दिया।

एसपी सिंह ने बच्चियाें काे तलाशने में पुलिस की सायबर सेल और अनुभवी अधिकारियों काे लगाया। टीम ने सभी डेराें पर जाकर दबिश दी, जहां से क्लू मिला और बच्चियाें के पास पहुंच गए। बच्चियाें का अपहरण हुआ था उस समय तीन बच्चियां 8 साल की और एक बच्ची 5 साल की थी। मई 2014 में अपहरण के बाद घर लाैटी तीन की उम्र 15 साल और 5 वर्ष वाली की उम्र 12 साल हाे गई। पुलिस टीम ने उन्हें लेकर माता-पिता के पास पहुंची तो वो उन्हें ठीक से पहचान नहीं सकी। पुलिस ने पुष्टि के दिए माता-पिता और बच्चियाें के डीएनए टेस्ट करवाए, जाे मिल गए। बच्चियां माता-पिता से मिलकर खुश है।

लिफ्ट लेकर पति को रोकने जा रही थी, बच्चियां पीछे आ रही थी, फिर नहीं दिखी
एसपी सिंह के अनुसार, ज्वाइन के बाद केस डायरी देखने पर पता चला कि छाेटी-छाेटी बच्चियां गायब हैं। पीपलरावां थाने पर दाे बच्चियाें की मां ने रिपाेर्ट दर्ज करवाई थी कि हम एक गांव के खेत पर मजदूरी का काम कर रहे थे। मेरे पति बस में बैठकर जा रहे थे, जिन्हे राेकने के लिए मैं अज्ञात वाहन से लिफ्ट मांग बस के पीछे जा रही थी। मैंने पीछे मुड़कर देखा ताे मेरी दाे बेटियां और एक उनकी सहेली दाैड़ते हुए आ रही थीं। मैं वापस पहुंची ताे तीनाें गायब थी, जाे अभी तक नहीं मिली। इधर देवास के काेतवाली थाना क्षेत्र के उज्जैन ओवर ब्रिज के नीचे से एक 5 साल की बच्ची का अपहरण हाे गया था।

ऐसे मिला जांच टीम काे सुराग
टीम काे जांच के लिए जुटाकर सभी डेराें पर पूछताछ के लिए भेजा, क्याेंकि डेरे से ही खुलासा हाे सकता है। टीम के सदस्याें ने मक्सी, शाजापुर, शिवपुरी, बारा, बुंदी, छबड़ा, जयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर तक डेराें में पूछताछ की। टीम काे एक लिंक मिली कि लड़कियां राजस्थान के छबड़ा जिले में हैं, वहां पहुंचे ताे पता चला कि पास के जिले पंडेल में लड़कियां हैं। यहां से 3 लड़कियाें काे और यहीं से पता चलने पर एक काे महाराष्ट्र के नागपुर से छुड़वाया गया। चाराें के नाम बदल दिए थे। अब पुलिस आराेपियाें की तलाश में दबिश दे रही है। मप्र-राजस्थान की पुलिस डेराें पर मिलने वाली अन्य बच्चियाें की जांच में जुटी है।

देह व्यापार में धकेल दिया था
छाेटी-छाेटी बच्चियाें काे बहला-फुसलाकर अपहरण करने वाले आराेपियाें की एक गेंग सक्रिय है, जाे उन्हें देह व्यापार में धकेल देती है। आराेपी बच्चियों को उनके माता-पिता से मिलने का कहकर बाइक पर बैठाकर ले गए थे। देवास की बच्ची काे चाॅकलेट, कुरकुरे दिलाने का झांसा लेकर ले गए थे। चाराें बच्चियाें काे कम उम्र में देह व्यापार में डाल दिया था। अगर बच्चियां विराेध करती ताे उन्हें इतनी यातनाएं दी जाती थी कि वह किसी से अपनी पीड़ा भी नहीं पता पा रही थी।

2014 से लेकर अब तक गायब हुई बच्चियाें की तलाश की जा रही है
वर्ष 2014 से लेकर अब तक जिले से गायब हुई बच्चियाें की तलाश में हम लगे हैं, जिसमें हमें कामयाबी भी मिल रही है। हमारी टीम डेराें के अलावा फैक्ट्रियाें में मजदूरी करने वालाें के यहां भी तलाश कर रही है। हमारा प्रयास है कि सभी काे अपने-अपने माता-पिता से मिलावा दिया जाए।
-डाॅ. शिवदयालसिंह, एसपी देवास

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