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पीथमपुर में वायरल संक्रमण के लिए आयुर्वेद दवाओं पर होगी रिसर्च, सेंटर में 500 लोगों को मिलेगा रोजगार

 

प्रदेश के पहले आयुर्वेदिक व न्यूट्रास्यूटिकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को शुभारंभ किया। पीथमपुर में स्थापित होने वाले इस नए सेंटर में वायरल संक्रमण सहित अन्य बीमारियों की रोकथाम और उनके इलाज के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद दवाओं पर रिसर्च होगी। सेंटर पर 200 से ज्यादा साइंटिस्ट आयुर्वेदिक औषधियों पर रिसर्च करेंगे। बताया जा रहा है कि सेंटर में करीब 500 लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल के मिंटो हॉल से प्रदेश के 1891 सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों का वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए शुभारंभ किया। इसमें इंदौर जिले के 3 उद्योग भी शामिल रहे। लघु-मध्यम उद्योग मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने दिसंबर 2020 में यह घोषणा की थी कि प्रदेशभर में सूक्ष्म लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को शुरू करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से नए उद्यमियों से नई इकाईयां शुरू करने के लिए आवेदन भी मांगे थे।

इंदौर जिले में 258 उद्यमियों ने नई इकाईयों के लिए आवेदन दिए थे। इन इकाईयों को जमीन आवंटन और अन्य सुविधाएं देने के लिए राजस्व विभाग के माध्यम से सरकारी जमीन उद्योग विभाग को स्थानांतरित करने की पहल की गई है। राजस्व विभाग ने उद्योगों के लिए जमीन चिन्हित कर दी है। नई इकाईयां लगाने के इच्छुक उद्यमियों के साथ मंत्री से बातचीत भी की थी। इसमें टॉयज क्लस्टर, फर्नीचर क्लस्टर के उद्यमी भी शामिल थे।

महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्राें ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 कोरोना काल से प्रभावित रहा है। इसके बाद भी सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यमों के करीब 60 नइर् इकाईयों की स्थापना हुई है। जिससे जिले में 2100 बेराेजगाराें काे रोजगार मिले हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत लक्ष्यों के 300 प्रतिशत पूर्ति कर इंदौर जिला प्रदेश में प्रथम रहा है। उक्त योजना के तहत जिले में 21 करोड़ 19 लाख रुपए की निवेश पूंजी से लगभग 171 इकाईयां स्थापित हुई हैं, जिससे 2119 काे रोजगार मिला हुआ है। वर्ष 2020-21 में जिले में करीब 150 नई इकाईयों के लिए 94 करोड़ 51 लाख रुपए की उद्योग निवेश अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।

सांसद लालवानी ने इंदौर जिले में भविष्य में किए जाने वाले औद्योगीकरण के संबंध में बताया कि जिले में औद्योगिक क्लस्टर निजी क्षेत्रों द्वारा कंपनी बनाकर के भारत सरकार की योजना के माध्यम से विकसित किए जाने प्रस्तावित हैं। जिनमें टॉयज क्लस्टर, फर्नीचर क्लस्टर, फार्मा क्लस्टर, फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर एवं कंफेक्शनरी क्लस्टर प्रमुख हैं। इन क्लस्टर की स्थापना होने एवं उनमें इकाईयां स्थापित हो जाने के उपरांत जिले के लगभग 55 हजार व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं 50 हजार व्यक्तियों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होने की संभावना है।

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