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मैनेजमेंट सांसें बचाने का:प्लाज्मा उपलब्ध कराने आईआईएम के छात्रों ने बनाई वेबसाइट, अब तक 500 जानें बचा चुके

 

कोरोना में लोगो की मदद  करने के लिए आईआईएम के पूर्व छात्र आगे आए हैं। जरूरतमंदों को प्लाज्मा उपलब्ध कराने आईआईएम इंदौर के छात्रों ने एक वेबसाइट तैयार की है। इसके माध्यम से अभी तक 500 लोगों की मदद कर चुके हैं। सभी छात्र मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते हैं। ऑफिस के काम से समय निकालकर वे लोगों की नि:शुल्क मदद कर रहे हैं।

वेबसाइट का नाम है needplasma.in। वेबसाइट के फाउंडर प्रशांत सैनी ने बताया दस महीने पहले शुरुआत दिल्ली में की थी। अब पूरे देश में वॉलंटियर्स हैं। टीम के वंदित सावनसुखा ने बताया कि अभी तक हमारे पास पांच हजार लोगों की मांग आई है। इसमें से हम पांच सौ लोगों को प्लाज्मा दे चुके हैं। कोरोना के केस बढ़ने के बाद हमारे पास हर घंटे प्लाज्मा की 50 से 60 मांग आती है, लेकिन उसके मुकाबले डोनर दो या तीन ही आते हैं। हम प्लाज्मा देने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।

ध्यान रखें... दिल के मरीज, थायराइड, इंसुलिन लेने वाले प्लाज्मा नहीं दे सकते
टीम के अमित गुप्ता ने बताया, कोरोना को हरा चुके हर व्यक्ति का प्लाज्मा नहीं लिया जा सकता। चुनिंदा लोग ही इसके लिए योग्य होते हैं। दिल के मरीज, थायराइड, इंसुलिन लेने वाले लोग प्लाज्मा नहीं दे सकते। यहां तक कि वैक्सीन के पहले डोज के 30 और दूसरे डोज के 60 दिन तक भी प्लाज्मा नहीं दिया जा सकता। इन सभी बातों के कारण कई लोग चाहकर भी प्लाज्मा नहीं दे सकते। ऐसी स्थिति में लोगों को जागरूक करके ही प्लाज्मा की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। यदि आप प्लाज्मा डोनेट करते हैं तो दो दिन में ही वो शरीर में वापस निर्मित हो जाता है।

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