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इंदौर लॉक; क्योंकि 80% आईसीयू फुल, 40 बड़े अस्पतालों में 3 से 4 दिन की वेटिंग, ऑक्सीजन का संकट बरकरार

 

कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए आपदा प्रबंधन समिति ने 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे के लिए लॉकडाउन बढ़ा दिया है। राऊ और महू शहर भी इसमें शामिल है। मुख्यमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया। वीसी में 16 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाने की बात कही गई, जबकि शनिवार-रविवार को पहले से ही लॉकडाउन जारी है।

रेमडेसिविर की कमी, अस्पतालों में बेड की समस्या, ऑक्सीजन का संकट और तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस बार के लॉकडाउन में बड़ा बदलाव यह है कि सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 से 10 बजे तक आवश्यक वस्तुओं फल-सब्जी, किराना, दूध की दुकानें और पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। दिन के बाकी समय सभी दुकानें बंद रहेंगी। उद्योगोें को पूरी तरह छूट रहेगी, इसी तरह दवा दुकान भी खुली रहेंगी, टीकाकरण के लिए लोग आ-जा सकेंगे।

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि कुछ और बिंदुओं पर चर्चा के बाद रविवार को इस बारे में औपचारिक आदेश जारी कर देंगे। उधर, शनिवार को शहर में 919 नए कोरोना मरीज मिले, जबकि पांच की मौत हो गई। एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 7713 पर जा पहुंचा। प्रतिबंध के बावजूद जूनी इंदौर के अशोकनगर में सामूहिक नमाज पढ़ने पर मौलवी मो रियाज, मो इशाक समेत 30-40 लोगों पर प्रोटोकॉल उल्लंघन का केस दर्ज किया गया है।

बेबसी : पति को दो दिनों से नहीं लग पाया इंजेक्शन, दिनभर खड़ी रहीं, निराश लौटीं
शनिवार दोपहर दवा बाजार के बाहर खड़ीं नविता अहिरवार की आंखों में आंसू थे। एक ही इंतजार कि दुकान खुले अौर रेमडेसिविर मिल जाए। वे दो दिन से सुबह से शाम तक इंतजार कर रही हैं। पति वीरेंद्र गंभीर हैंै। तीन इंजेक्शन लग चुके हैं। इतने ही और लगना हैं। दो दिन से इंजेक्शन कहीं नहीं मिल रहे। हालांकि दवा बाजार एसो. ने कहा कि अब इंजेक्शन सीधे हॉस्पिटल से ही मिलेंगे। इसके बाद भी लोग हटे नहीं।

ऐसे लॉक हुई नेताओं की रणनीति
जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले भाजपा नेता कृष्णमुरारी मोघे के घर सांसद शंकर लालवानी और भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे की बैठक हुई। मंत्री तुलसी सिलावट ने भी मुख्यमंत्री को शहर की स्थिति से अवगत कराया। सभी ने शुक्रवार रात को कलेक्टर से भी चर्चा कर लॉकडाउन पर जोर दिया। शनिवार को इस पर सहमति बन गई। सीएम ने इंदौर के अलावा प्रदेश के 11 जिलों में 9 दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है।

तेजी से फैलते कोराना संक्रमण के बीच लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इस दौरान जरूरी चीजों की आपूर्ति प्रभावित न हो इसके लिए आपदा प्रबंधन समिति ने रोज तीन घंटे फल-सब्जी, किराना, पेट्रोल पंप आदि खोलने की इजाजत दी है। सबसे बड़ा डर इसी बात का है कि रोज तीन घंटे की यह रियायत कहीं लॉकडाउन के उद्देश्य पर ही पानी न फेर दे इसलिए बहुत जरूरी है कि जिस तरह का अनुशासन हमने इस बार रंग पंचमी पर दिखाया था, वैसी ही प्रतिबद्धता इन तीन घंटों में भी दिखाएं। ताकि
हम कोरोना की चेन ब्रेक कर पाएं। दुनिया के सामने इंदौर की उत्सवप्रियता के साथ अनुशासन की मिसाल भी पेश कर पाएं।

छूट; सुबह 7 से 10 बजे तक फल, किराना, दूध की दुकानें व पेट्रोल पंप। अखबार हॉकर्स, बैंक, एटीएम, उद्योग, परीक्षार्थियों का आवागमन।

बंद; शादियों की अनुमति देने के संबंध में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। लॉकडाउन का विस्तृत आदेश आज शाम को जारी होगा।

मेडिकल कॉलेज को मिले 30 वेंटिलेटर रेमडेसिविर के 500 डोज भी पहुंचे
शनिवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज को राज्य शासन से 30 नए वेंटिलेटर मिले। रविवार को सुपर स्पेशिएलिटी, एमआर टीबी व एमटीएच को ये वेंटिलेटर दिए जाएंगे। साथ ही जुबिलेंट कंपनी ने 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन भेजे, जो अस्पतालों तक पहुंचा दिए गए। प्रशासन के निर्देशों के चलते एक भी इंजेक्शन दुकानों पर नहीं गया।

एमवाय में भी रखेंगे कारोना मरीज, राधा-स्वामी आश्रम में क्वारेंटाइन सेंटर
मंत्री तुलसी सिलावट ने बेड की स्थिति को देखते हुए एमवाय के एक हिस्से में कोविड मरीजों के उपचार का सुझाव दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बात की है। अगर ऐसा होता है तो यहां 1100 बेड उपलब्ध हो पाएंगे। अधिकतर बेड पर ऑक्सीजन कनेक्शन भी है। उधर, सरकारी क्वारेंटाइन सेंटर के िलए दत्तात्रेय कॉलेज फाइनल किया गया है। राधा स्वामी आश्रम को भी कलेक्टर और मंत्री सिलावट ने देखा है, यहां 3 हजार तक बेड लगाकर कम गंभीर मरीजों को उपचार दिया जा सकता है।

हमने एक और कोरोना योद्धा को खो दिया, युवा डॉक्टर की मौत; 90% तक फेफड़े संक्रमित
कोरोना ने शनिवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. दीपक सिंह की जान ले ली। 35 साल के डॉ. सिंह कोराेना वार्ड में ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए। उनका डेढ़ हफ्ते से सुपर स्पेशिएलिटी में इलाज चल रहा था। सतना निवासी डॉ. सिंह वर्ष 2010 बैच के छात्र थे। अभी एमजीएम मेडिकल कॉलेज में इंटर्न थे। उनके फेफड़े 80 से 90 प्रतिशत तक संक्रमित हो गए थे। जूनियर डॉक्टरों ने इस मामले में इकमो थैरेपी की व्यवस्था नहीं करने के लिए सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है

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