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लेसन्स फ्रॉम ग्रेट थिंकर्स:विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्यवान पुरुष विचलित नहीं होते - महाकवि कालिदास

 

  • महाकवि कालिदास, संस्कृत भाषा के उच्च कोटि के महाकवि और नाटककार थे। कालिदास के ये अनमोल वचन लोगो की सोच  को बदलने में बहुत प्रभावकारी साबित हुए हैं। महाकवि कालिदास को आधुनिक कवियों ने ‘राष्ट्रकवि’ की उपाधि दी है।

1. जिस प्रकार जब सूरज निकलता है तब लालिमायुक्त होता है और अस्त होता है तो भी लालिमायुक्त होता है। इसी प्रकार महान पुरुष भी सुख और दुःख में एकरूपता रखते हैं।

2. फल आने पर पेड़ झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं। सम्पति आने पर सज्जन लोग विनम्र हो जाते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ऐसा ही होता है।

3. मन को विचलित करने वाली कितनी ही परिस्थितियां क्यों न हों पर धैर्यवान पुरुष कभी विचलित नहीं होते।

4. जिस प्रकार छेद बड़ा हो या छोटा, वो नाव को डुबो ही देता है। ठीक उसी तरह दुष्ट व्यक्ति की दुष्टता उसे बर्बाद कर देती है।

5. विश्व महापुरुष को खोजता है न की महापुरुष विश्व को। गुणों से ही व्यक्ति की पहचान होती है, गुणी व्यक्ति को सब जगह आदर मिलता है।

6. काम की समाप्ति यदि संतोषजनक हो, तो परिश्रम की थकान याद नहीं रहती।

7. वृक्ष के समान बनो, जो कड़ी गर्मी झेलने के बाद भी सबको छाया देता है।

8. प्रत्येक व्यक्ति की रुचि एक दूसरे से भिन्न होती है।

9. आह, मेरी इच्छाएं आशा बन जाती हैं।

10. जल आग की गर्मी से गर्म हो जाता है पर वास्तव में उसका स्वभाव ठंडा ही होता है।

11. कोई वस्तु पुरानी होने से अच्छी नहीं हो जाती, न ही कोई काव्य नया होने से निंदनीय हो जाता है।

12. नम्रता के संसर्ग से ऐश्वर्य की शोभा बढ़ती है। सज्जन पुरुष बिना कहे दूसरों का भला करते हैं।

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