इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को रेसीडेंसी कोठी में जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव हेतु पात्र नागरिकों के कोविड टीकाकरण के लिये विशेष अभियान संचालित करने के संबंध में बैठक ली। बैठक में समस्त जनपद पंचायत सीईओ, ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं एनआरएलएम से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कलेक्टर सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में 45 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के नागरिकों के किये जा रहे टीकाकरण के संबंध में समीक्षा कर टीकाकरण अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अंचलों में सचिव, आरआरटी एवं स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा डोर टू डोर सर्वे कराकर पात्र नागरिकों को कोविड का टीका लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने सभी जनपद पंचायत सीईओ एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को समन्वय स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा पात्र नागरिकों के वैक्सीनेशन कराने के निर्देश दिए।
कलेक्टर सिंह ने जिला पंचायत सीईओ चंद्र को उक्त अभियान के सुचारू संचालन की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सचिव एवं आरआरटी टीम के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज जो होम आइसोलेटेड हैं, उनको तत्काल रुप से जरूरी दवाइयों की किट उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता अभियान के माध्यम से ग्रामीण वासियों को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा 30 अप्रैल तक घरों से बाहर ना निकलने के आव्हान के बारे में जानकारी देते हुए अनावश्यक रूप से बाहर ना घूमने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। सचिव एवं स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा लोगों को कोरोना रोकथाम हेतु शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी प्रेरित करें।
बैठक में चर्चा के दौरान सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा बताया गया कि बहुधा पाया गया है कि टीकाकरण के प्रथम डोज के बाद बहुत ही कम संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों में हॉस्पिटलाइजेशन की स्थिति निर्मित होती है। अधिकतम मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ही रिकवर हो जाते है। कोविड वैक्सीन के दूसरे डोज लगने के 20 से 25 दिन के बाद लोगों की पॉजिटिविटी रेट में भी कमी देखी गई है। इसलिए कोविड संक्रमण से उत्पन्न हो रही गंभीर स्थिति से खुद के बचाव के लिए टीकाकरण कराना अत्यंत आवश्यक है।
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