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तस्करी का नया तरीका:किराये की कार में करते थे नशा सप्लाय ,जहा पकड़ाते थे वही छोड़ देते थे कार, अब ऐसे आए गिरफ्तर में

 महंगी कारें किराए पर लेकर गिरोह गाडिय़ां उड़ा ले जाता था। पुलिस कई दिनों से नजर रखे हुए थी।विजय नगर पुलिस ने राजस्थान के गिरोह से दो आरोपियों को पकड़ा हैं। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

zoom कार नामक कम्पनी द्वारा प्रदेश सहित कई बड़े शहरो में ऑनलाइन गाडी को किराये पर देने का कार्य किया जा रहा है। कंपनी सर्विस सेल्फ ड्राइव कार रेंट पर देती है । ये कंपनी ऐसे ग्राहकों को कार उपलब्ध कराती है। किराए पर कार लेने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करना पड़ती है। इसमें आईडी के साथ-साथ बैंक डिटेल दी जाती है, जिससे कि किराए का ऑनलाइन भुगतान हो सके। इंदौर से दो महंगी कारें बुक की गई और वापस जमा नहीं कराई। जिसके बाद कम्पनी द्वारा विजय नगर पुलिस को इस की जानकरी दी गई। कंपनी वालों से कहा गया था कि फर्जी आईडी से कोई गाड़ी बुक कराए और जरा सा भी शक हो तो खबर करे ।

ऐसे हुए गिरफ्तार - दो दिन पहले भोपाल से गाड़ी बुक की गई। कंपनी को शक हुआ कि आईडी फर्जी है। कंपनी ने टीआई तहजीब काजी से संपर्क किया। थाना प्रभारी तहजीब काज़ी मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जानकरी एसपी को दी गई जिसके बाद एक टीम गठित की गई , विजयनगर थाने के सुरेश मिश्रा और अन्य जवान को कंपनी के अफसरों के साथ भोपाल भेजा। ग्राहक ने जहां गाड़ी बुलाई थी, वहां कंपनी के ड्रायवर के पीछे पुलिस चलतीरही। ड्रायवर से जैसे ही दो लोगों ने गाड़ी ली, पुलिस ने उन्हें पकड लिया। और पूछताछ ले लिए उन्हें इंदौर ले आई। पता चला है कि राजस्थान और मंदसौर का गिरोह गाडिय़ां बुक कर उत्तरप्रदेश व अन्य जगह बेच देता था।

तस्करी का नया तरीका - थाना प्रभारी ने बताया कि यह गिरोह इतना शातिर है, कि पहले तो ऑनलाइन गाड़ियों की बुकिंग करता था,और फिर इन चोरी के चार पहिया वाहनों को शराब तस्करी और डोडा चूरा की तस्करी में इस्तेमाल करता था। इससे अपराधियों को यह आसानी होती थी कि यदि कहीं पर चेकिंग या पकड़ आने का डर होता था तो शातिर बदमाश उस गाड़ी को छोड़कर ही भाग जाते थे। जिससे पुलिस को तस्करों तक पहुंचने में दिक्कतें आती थी।

राजस्थान मंदसोर की गैंग -- यह शातिर गिरोह मंदसौर और राजस्थान के आसपास के होने की जानकारी मिली है। और पुलिस की एक टीम कई जगह छापेमारी कार्रवाई कर रही है। सूत्रों की माने तो मंदसौर के पास से कई बार डोडा चूरा और अफीम की तस्करी दूसरे प्रदेशों में की जाती है इसलिए गिरोह के कई सदस्य इन जिलों के हो सकते हैं।

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