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नया ट्रांसपोर्ट:कई देशों में फ्लाइंग टैक्सी अगले साल से उड़ना भरेंगी, जर्मनी, अमेरिका और जापान की कंपनियां शेयर बाजार में आने की तैयारी

 

  • अमेरिका, यूरोप और चीन की कंपनियों के प्रोजेक्ट अंतिम दौर में

उड़ने वाली कार पर लंबे समय से काम चल रहा था। लेकिन, वे जमीन से आकाश में कभी उड़ान नहीं भर सकीं। अब कार निर्माता, विमान कंपनियां, टेक्नोलॉजी कंपनियां फ्लाइंग टैक्सी में भरपूर पैसा लगा रही हैं। कंसल्टेंसी एलईके की नताशा सामंता के अनुसार 300 कंपनियां बैटरी से कम दूरी तक चलने वाले यान के निर्माण पर काम कर रही हैं। ये एकदम सीधे लंबाई में उड़ान भरेंगे और उसी तरह नीचे उतरेंगे। इन्वेस्टमेंट बैंक मोर्गन स्टेनले का अनुमान है, 2040 तक फ्लाइंग टैक्सियों का बाजार पांच लाख करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगा।

नियामक एजेंसियों इनका रास्ता आसान बना रही हैं। अमेरिकी फेडरल एविएशन एजेंसी 30 कंपनियों के प्रस्ताव पर गौर कर रही है। जर्मन कंपनी लिलियम, जॉबी एविएशन और आर्चर शेयर बाजार में उतरने वाली हैं। कार टैक्सी और हेलीकॉप्टर के बीच की फ्लाइंग टैक्सी इलेक्ट्रिक मोटर से चलेगी। यह जल्दी बंद होगी और जल्दी स्टार्ट होगी। इसे उतरने और उड़ान भरने के लिए कांक्रीट के छोटे प्लेटफार्म की जरूरत होगी। इनसे बहुत अधिक शोर नहीं होगा।

अमेरिकी कंपनी आर्चर 2024 तक लॉस एंजिलिस और मियामी के बीच फ्लाइंग टैक्सी चलाने की तैयारी कर रही है। चीन की ईहेंग को जल्द मंजूरी मिलने वाली है। कार कंपनियों डेमलर, जीली और चिप निर्माता इंटेल की पार्टनर जर्मन कंपनी यूरो वोलोकॉप्टर को 2023 में उड़ान भरने की आशा है। ब्रिटिश कंपनी वर्टिकल एयरोस्पेस, कार निर्माता ह्युंडई और विमान निर्माता एयरबस भी पीछे नहीं हैं।


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