रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत शहर में तीसरे दिन भी दूर नहीं हुई। दरअसल, शहर के बड़े स्टॉकिस्ट का बड़े अस्पतालों और फार्मा दुकानों से टाईअप है और वह अपने पास स्टॉक आते ही वहां भेज रहे हैं। ऐसे में छोटे अस्पतालों के मरीज पर्चा लेकर दवा बाजार और दुकान-दुकान भटक रहे हैं। शुक्रवार को भी रेमडेसिविर के 600 से ज्यादा डोज केवल दो जगह भेजे गए।
अस्पताल; हालत गंभीर, 3 दिन से भटक रहे, नहीं मिला इंजेक्शन
खजराना निवासी शबनम बी ने बताया भाई शहीद खान चार दिन से सुपर स्पेशिएलिटी में भर्ती है। हालत गंभीर है। इंजेक्शन के लिए सुबह से रात तक खड़े रहे, लेकिन अब तक इंजेक्शन नहीं मिला। पाटनीपुरा निवासी मुकेश जैन बताते हैं परिवार के तीन सदस्य भर्ती हैं। तीन दिन से इंजेक्शन के लिए मेडिकल दुकानों पर भटक रहे हैं, फिर भी हाथ खाली हैं। अस्पताल को इमरजेंसी के लिए इंजेक्शन की व्यवस्था रखना ही चाहिए।
प्रशासन अब तो चिंता करे
बेटमा निवासी इरशाद खान ने कहा रिश्तेदार बिस्मिल्लाह खान चार दिन से एमटीएच अस्पताल में भर्ती हैं। दो दिन से रेमडेसिविर और प्लाज्मा के लिए भटक रहे। सरकार या प्रशासन को पीड़ितों की मदद करना चाहिए।
दवा बाजार; इंजेक्शन मिल नहीं रहे, इन्फेक्शन बढ़ता जा रहा
रेमडेसिविर के लिए दवा बाजार के सामने खड़े राऊ निवासी शिवम ने बताया पिता मंशाराम यादव को दो इंजेक्शन लग चुके हैं। चार और लगना हैं। शुक्रवार को भी इंजेक्शन नहीं मिला। घंटों से बैठी क्षमा ने बताया पति चंद्रभान सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। दो दिन पहले तक उनको तीन इंजेक्शन लग चुके हैं। इतने ही और लगना हैं, लेकिन अब दो दिन से इंजेक्शन नहीं मिल रहे।
पति की तबीयत कैसी है, इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं, क्योंकि उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है, न मिलने दिया जा रहा। डॉक्टर जो कह रहे वह कर रही है। उनके दो बच्चे हैं। एक चार साल का। एक डेढ़ साल का। दोनों को परिवार के पास छोड़ वे पति के इंजेक्शन के लिए भटक रही हैं। बच्ची के लिए इंजेक्शन की तलाश में जुटी डॉली राठौर ने बताया दो इंजेक्शन लग चुके हैं। डॉक्टर बोल रहे कि तीन इंजेक्शन और लगाना पड़ेंगे। उधर, इंजेक्शन के लिए जुटे परिजन के सब्र का बांध तब टूट गया, जब पुलिस उन्हें हटाने पहुंची।
0 टिप्पणियाँ