फाइल फोटो
रायसेन : कोरोना कर्फ्यू के चलते गरीब और बेसहारा लोगों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है. सभी काम धंधे बंद होने के चलते गरीब लोग खाने को मोहताज हो गए हैं. ऐसे में रायसेन पुलिस इन गरीबों की मदद के लिए आगे आई है. पुलिस कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने के लिए विभिन्न इलाकों में निकलती है. जो लोग कानून का पालन नहीं करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करती है और जिन लोगों के सामने खाने का संकट है, उन्हें खाने के पैकेट बांटती है.
क्या है मामला
कोरोना महामारी गरीबों पर कहर बनकर टूट रही है. ऐसे में रायसेन जिले की दीवानगंज पुलिस चौकी देवदूत बनी हुई है. दरअसल चौकी के पुलिसकर्मी अपने राशन में से आधा राशन गरीब और जरूरतमंद लोगों को बांट रहे हैं.
पुलिसकर्मी विभिन्न इलाकों में निकलते हैं और जो लोग कोरोना कर्फ्यू का पालन नहीं कर रहे हैं, उनसे कानून का पालन सुनिश्चित कराते हैं. साथ ही इस दौरान पुलिसकर्मियों को जो जरूरतमंद मिलता है, उसे खाने के पैकेट मुहैया कराते हैं, जिससे उस गरीब के परिवार का पेट भी भर सके. चौकी प्रभारी सत्येंद्र दुबे की यह पहल गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है.
चौकी प्रभारी सत्येंद्र दुबे ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू का पालन कराने हम जब सड़कों पर जाते हैं तो लोग रोजी रोटी के लिए यहां वहां भटकते दिखाई देते हैं. हमारे मन में ख्याल आया कि हम अपने राशन में से आधा राशन इन गरीबों को दे दें ताकि इनके घर में भी चूल्हा जल सके. मैं और मेरे स्टाफ के राशन में से हमने आधा राशन गरीब बस्ती में जाकर गरीबों को बांटा इससे उनके चेहरे पर जो खुशी थी वह देखकर हमारी मेहनत सफल हो गई.
वहीं चौकी प्रभारी सत्येंद्र दुबे ने क्षेत्र के संपन्न लोगों से भी अपील की है कि वह भी आगे आएं और गरीब लोगों की मदद करें जो कोरोना कर्फ्यू के दौरान मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं, उनको राशन दें. दीवानगंज पुलिस की देशभक्ति जनसेवा के साथ गरीबों की मदद करने की यह तस्वीरें लोगों को प्रेरणादायक बन रही है. दीवानगंज क्षेत्र के अंबाडी बासिया में लकड़ी बेचकर जीवन यापन करने वाले आदिवासियों को चावल और आटे के पैकेट दिए गए. जिसमें आरक्षक सूरज वर्मा, आरक्षक राजू चौहान, आरक्षक आशीष शर्मा प्रधान आरक्षक यादव, ग्राम रक्षा समिति के सदस्य राहुल यादव सहित चौकी प्रभारी सत्येंद्र दुबे ने यह पहल की है.
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