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इंदौर स्मार्ट सिटी देश के 100 शहरों की तुलना में स्मार्ट सिटी रैंकिंग में दूसरे पायदान पर पहुंच गई है


 इंदौर स्मार्ट सिटी देश के 100 शहरों की तुलना में स्मार्ट सिटी रैंकिंग में दूसरे पायदान पर पहुंच गई है। यह सुखद समाचार कोरोना काल में प्राप्त हुआ है। फरवरी में इंदौर की रैंकिंग सातवें पायदान पर थी। कोरोना काल में इंदौर में न तो किसी नए काम का वर्कऑर्डर हुआ और न कोई अधूरा काम पूरा हुआ। असल में यह उछाल केंद्रीय मंत्रालय द्वारा अंकों के पैटर्न में बदलाव करने के बाद हो सका है।

इंदौर ने शासन से मिली ग्रांट से भी ज्यादा खर्च कर सर्वाधिक अंक स्कोर किए। उधर, भोपाल फरवरी से अब तक पहले पायदान पर ही कायम है। हाल में शहरी एवं आवास मंत्रालय द्वारा जारी की गई स्मार्ट सिटी रैंकिंग में भोपाल 79.62 स्कोर के साथ पहले पायदान पर है। इंदौर 77.79 स्कोर के साथ दूसरे और सूरत 77.03 स्कोर के साथ तीसरे पायदान पर आ गया है। इससे पहले नवंबर 2020 में जारी की गई रैंकिंग में इंदौर स्मार्ट सिटी तीसरे पायदान पर दूसरी बार पहुंचा था।

दूसरे पायदान पर इंदौर पहली बार आया है। इस रैंकिंग को लेकर स्मार्ट सिटी की पूरी टीम खुश होने के साथ हैरत में इसलिए है, क्योंकि फरवरी से अब तक स्मार्ट सिटी इंदौर में कोई विशेष काम नहीं हुआ है। न कोई अधूरा काम पूरा हुआ है और न कोई नया वर्कऑर्डर जारी किया गया। रैंकिंग का एनालिसिस करने के बाद अधिकारियों का कहना है कि मंत्रालय ने अंकों की गणना के पैटर्न में बदलाव किया है। इसी का नतीजा है कि इंदौर को यह उपलब्धि मिली है।

9 पैरामीटर, फंड के सबसे ज्यादा इस्तेमाल का फायदा

निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया स्मार्ट सिटी की रैंकिंग के नए पैटर्न में नौ पैरामीटर पर अंकों की गणना की जाती है। इसमें वर्कऑर्डर जारी होने, कार्य पूरा होने, वर्कऑर्डर वैल्यू, वर्कऑर्डर के बाद कार्य पूरा होने के लिए ग्रांट का इस्तेमाल, फाइनेंशियल प्रोग्रेस, फंड ट्रांसफर, फंड का इस्तेमाल, मीटिंग और रिपोर्टिंग के अंक तय फॉर्मूले से निकाले जाते हैं। इसमें इंदौर को चौथे पैरामीटर में सर्वाधिक 20 अंक मिले, क्योंकि इंदौर ने शासन से प्राप्त 641 करोड़ से ज्यादा फंड (700 करोड़ रुपए) का इस्तेमाल स्मार्ट सिटी से जुड़े प्रोजेक्ट में किया है।

5432 करोड़ के 221 प्रोजेक्ट
इंदौर स्मार्ट सिटी ने 5432 करोड़ के 221 प्रोजेक्ट लिए हैं। 276 वर्ग किमी के पेन सिटी एरिया के साथ 3 वर्ग किमी के एबीडी एरिया को लिया है। 500 करोड़ का फंड केंद्र सरकार और 500 करोड़ राज्य सरकार द्वारा दिया जाना है। इंदौर स्मार्ट सिटी को 641 करोड़ रुपए मिल चुके हैं।

221 में से कुछ बड़े प्रोजेक्ट और उन पर खर्च होने वाली राशि

  • 700 करोड़ में एमओजी लाइन्स का रीडेवलपमेंट शुरू
  • 4.23 करोड़ में मल्हारराव होलकर छत्री का जीर्णोद्धार किया
  • 6.62 करोड़ में गांधी हॉल का जीर्णोद्धार
  • 83 करोड़ की लागत से ओल्ड मराठी स्कूल का कायाकल्प
  • 30 करोड़ में गोपाल मंदिर कॉम्प्लेक्स, सीपी शेखर नगर गार्डन, हरसिद्धि

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