कोरोना की दूसरी लहार में अब भले ही मरीज आने की रफ्तार कम हुई हो, लेकिन इसने शहर को बुरी तरह प्रभावित किया। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मार्च 2020 से इस साल फरवरी के 12 महीनों में कुल मरीज 63 हजार 878 मरीज मिले, जबकि 1 मार्च से 18 मई के महज 79 दिनों में उससे लगभग 13 हजार ज्यादा यानी 76 हजार 569 मरीज मिल गए। इस दौरान मरीजों की सबसे ज्यादा संख्या 11 अप्रैल से 14 मई के बीच रही। 9 अप्रैल को इंदौर में 923 मरीज थे, जो अगले ही दिन बढ़कर 1500 पार हो गए। उसके बाद लगातार मरीज बढ़े और हर दिन 1600 से 1800 मरीज आए।
कोरोना का कहर ऐसा रहा कि पिछले साल जिन कॉलोनियों में एक भी मरीज नहीं था, वहां इस बार महीनेभर में ही 50 मरीज मिल गए। प्रशासन ने इन कॉलोनियों को तीन हिस्सों में विभाजित किया, जिसमें हॉट स्पॉट बनाकर बैरिकेड्स लगाए। चौंकाने वाली बात ये है कि ए कैटेगरी के हॉट स्पॉट वाली कॉलोनियों- इलाकों की संंख्या 696 तक पहुंच गई। इन सभी इलाकों में 10 से लेकर 1600 के बीच मरीज सामने आए। मार्च से मई के इन ढाई महीनों में सबसे ज्यादा मरीज के लिहाज से विजय नगर सबसे ऊपर रहा, जबकि सुदामा नगर, सुखलिया और नंदानगर उससे कुछ ही पीछे रहे। जिले में 18 मई तक कुल 1 लाख 40 हजार 447 मरीज मिल चुके हैं।
कोरोना वॉरियर के रूप में बजरंग बली का शृंगार
सुभाष चौक स्थित श्रीराम भक्त हनुमान मंदिर में मंगलवार को बजरंग बली के दर्शन कोरोना वॉरियर के रूप में हुए।
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