ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) को लेकर कई थ्योरी चर्चा में है। ऑक्सीजन और स्टेरॉयड को इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा है, लेकिन एमवाय के डॉक्टरों की टीम द्वारा की गई 210 मरीजों की स्टडी में पाया गया कि 44% मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन पर रखा ही नहीं गया। 174 मरीजों काे ही स्टेरॉयड दिए गए। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. वीपी पांडे के निर्देशन में की गई स्टडी की रिपोर्ट संभागायुक्त को सौंप दी गई है। ब्लैक फंगस के शिकार 210 मरीजों में महिलाओं की संख्या 59 और पुरुषों की संख्या 151 है। इनमें से 29 मरीजों ने स्टेरॉयड नहीं लिया था।
7 मरीजों को इसकी जानकारी नहीं। हालांकि सभी मरीजों में शुगर सहित किसी न किसी तरह की अन्य पुरानी बीमारी थी। एक भी ऐसा मरीज नहीं था, जिसे वेंटिलेटर पर रखा गया हो। वेंटिलेटर वाले मरीजों में ट्यूब के जरिए इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा होता है।
एक्सपर्ट -स्टेरॉयड और ऑक्सीजन के अलावा भी कई कारण हैं ब्लैक फंगस के
प्राथमिक जांच में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। स्टेरॉयड, ऑक्सीजन व हैवी एंटीबायोटिक के अलावा भी कई कारण हैं, जिससे म्यूकर संक्रमण हो रहा है। संभवत: कोविड का नया वायरस रोग प्रतिरोधक क्षमता से लड़ने वाली कोशिकाओं को प्रभावित कर रहा है। जिंक व भाप से ब्लैक फंगस होने की भ्रांतियां गलत हैं। शुगर बढ़ी होना ज्यादा जोखिमभरा होता है, इसीलिए पोस्ट कोविड मरीजों को शुगर लेवल नियंत्रित रखना चाहिए।
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