ब्लैक फंगस से बचने के लिए मरीजों को एंटी फंगल एम्फोसिटीरिन-बी इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन मिल नहीं रहे हैं। निजी अस्पतालों में 125 से 150 मरीजों के लिए सात दिन में मात्र 450 इंजेक्शन ही मिले। एमवायएच में भर्ती 150 से 200 मरीजों के लिए दो हजार इंजेक्शन मिल चुके हैं।
रविवार को यहां 210 मरीज भर्ती थे। इनमें शासकीय कैंसर अस्पताल के 20 मरीज भी हैं, जिन्हें म्यूकर व कोविड के कारण वहां भर्ती किया है। एक मरीज को एक दिन में कम से कम 5 इंजेक्शन चाहिए। 75 इंजेक्शन का पूरा डोज मिलना चाहिए। यदि 300 मरीज के हिसाब से भी देखें तो 1500 इंजेक्शन एक दिन में चाहिए। निजी अस्पतालों के लिए कभी 83 इंजेक्शन का स्टॉक बताया जाता है तो कभी 70 इंजेक्शन का। यह इंजेक्शन ठीक तरह से 10 मरीजों को भी नहीं दिए जा सकते जबकि कॉलेज के पास 120 मरीजों के आवेदन पहुंच चुके हैं।
निजी अस्पताल के मरीज ज्यादा परेशान, क्योंकि इंजेक्शन के प्रोफार्मा पर नहीं हो पा रहे साइन
निजी अस्पताल के मरीज ज्यादा परेशान हैं। उनके प्रोफार्मा पर इसलिए साइन नहीं हो पा रहा है, क्योंकि बाजार में स्टॉक नहीं होने की बात कही जा रही है। एम्फोसिटीरिन-बी इंजेक्शन की बिक्री प्रशासन के नियंत्रण में है। स्टॉकिस्ट का कहना है कि पहले डीन और उनकी समिति के साइन दिखाओ। एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि रोज स्टॉक की जानकारी ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से आ रही है। स्टॉक आने पर हम रिलीज ऑर्डर जारी कर सकते हैं।
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