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ग्रीन इंडिया मिशन:चारखेड़ा में सिटी पार्क व बटर फ्लाई गार्डन बनेगा; 400 हेक्टेयर में सघन प्लांटेशन होगा, पूरी योजना पर 5-7 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे

 

हरसूद से 7 किमी दूर चारखेड़ा छोटी तवा नदी के ब्रिज के पास सिटी पार्क व बटर फ्लाई गार्डन तैयार किया जाएगा। योजना के पहले चरण के लिए 2 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके हैं। करीब 400 हेक्टेयर में सिटी पार्क तैयार होगा। जबकि यहां तैयार होने वाला निमाड़-मालवा का पहला बटर फ्लाई गार्डन होगा। पूरी योजना पर 5 से 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी महीने के अंत तक काम शुरू होने की संभावना है। यह प्रोजेक्ट तीन साल का है। ग्रीन इंडिया मिशन के तहत इस प्रोजेक्ट के मूर्तरूप लेने के बाद इको टूरिज्म काे बढ़ावा मिलेगा।

सिटी पार्क : 35 से 40 हेक्टेयर क्षेत्र में सघन पौधारोपण होगा

छोटी तवा नदी के पास कक्ष क्रमांक 467 और 470 में वन विभाग की करीब 400 हेक्टेयर भूमि है। ग्रीन इंडिया मिशन के अंतर्गत इस भूमि में से 35-40 हेक्टेयर क्षेत्र में यहां सघन पौधारोपण कर सिटी पार्क (वन विहार की तरह) विकसित किया जाएगा। वन क्षेत्र में स्टॉपडेम, चेक डेम, छोटी तलैया आदि के माध्यम से पानी की व्यवस्था की जाएगी। घने जंगल के विकसित होने से इस क्षेत्र के पर्यावरण में सुधार होना तय है।

बटर फ्लाई गार्डन : 50 से ज्यादा प्रजातियों की तितलियां होंगी यहां

प्रदेश में रायसेन में ही बटर फ्लाई पार्क है। भोपाल सहित कुछ अन्य जगहों पर प्लान पर अभी काम चल रहा है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि मालवा-निमाड़ का पहला बटर फ्लाई पार्क हरसूद के चारखेड़ा में बनने जा रहा है। जिसमें खंडवा, हरदा, देवास सहित अन्य क्षेत्र में पाए जाने वाली 50 से ज्यादा प्रजातियां पहले चरण में प्रजनित की जाएंगी। फिर बटर फ्लाई की प्रदेश और देश की अन्य प्रजातियां भी यहां देखने को मिल सकेंगी।

5 से 7 करोड़ रुपए की योजना है
चारखेड़ा के पास छोटी तवा नदी के ऊपरी क्षेत्र में वन विभाग की जमीन उपलब्ध है। यहां सिटी पार्क, बटर फ्लाई गार्डन सहित अन्य कार्य के लिए अभी 2 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। करीब 5-7 करोड़ की योजना है। डॉ. विजय शाह, वन मंत्री

प्रस्ताव दिए हैं, सर्वे किया जा चुका है

ग्रीन इंडिया मिशन के तहत प्रस्ताव दिए गए हैं। बटर फ्लाई पार्क के लिए चारखेड़ा के पास पानी, जंगल, नमी होने से अनुकूल जगह है। तितलियों की अपने क्षेत्र में करीब 58 प्रजातियां हैं। यहां सर्वे किया जा चुका है। धर्मेंद्र पारे, फाइन आर्टिस्ट और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ


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