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नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन:पांच दिन के अंदर सूरत के फार्महाउस पर रॉ मटेरियल जुटाकर 6200 नकली इंजेक्शन तैयार कर लिए

 

सूरत के ड्रग माफिया पुनीत शाह और कौशल वोरा ने पहले आरोपी सुनील मिश्रा से इंदौर में चल रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत पता की। फिर इन्होंने ग्लूकोज-नमक से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार करने का प्लान बनाया। पांच दिन के अंदर सूरत के फार्महाउस पर रॉ मटेरियल जुटाकर 6200 नकली इंजेक्शन तैयार कर लिए।

पांच हजार अहमदाबाद में खपाए और 1200 सुनील के जरिए इंदौर भेजे। इसके पहले कौशल ने पुनीत को मुंबई के एक निजी अस्पताल की डॉक्टर से रिपोर्ट तैयार कराकर कोरोना टेस्ट कराया। रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे कम्प्यूटर के जरिए एडिट कर पॉजिटिव दर्शाकर मुंबई के एक अस्पताल से मायलन कंपनी का रेमडेसिविर इंजेक्शन हासिल किया।

इसकी शीशी (वायल), उस पर लगा रैपर, बॉक्स व अंदर का मटेरियल हूबहू ग्लूकोज-नमक से तैयार किया। ये बातें आरोपी पुनीत और कौशल ने पुलिस अधिकारियों के सामने कबूली हैं।
यहां कर गए गलती: सभी पर एक ही बैच नंबर था
एसपी आशुतोष बागरी के मुताबिक,आरोपियों ने ठाणे में विनय गौरे से संपर्क कर 50 हजार में असली रेमडेसिविर सी 5 हजार वायल तैयार कराई। मुंबई में डॉक्टर की रिपोर्ट पर रैपर खरीदे। असली इंजेक्शन के रैपर को स्कैन कर उसके प्रिंट व पैकिंग बॉक्स के प्रिंट एसबीएम इंटर प्राइजेज से प्रिंट कराए।

जो असली इंजेक्शन आरोपियों ने खरीदा था, वह मायलन कंपनी का था, इसलिए उसी असली इंजेक्शन पर लिखा बैच नंबर (246039 ए) सभी नकली प्रिंट्स पर एक साथ प्रिंट हो गया। पहली बार में पांच हजार नकली इंजेक्शन तैयार किए।

इसमें 50 हजार की शीशियां (खाली वायल),15-20 हजार के रैपर-बॉक्स और 30-35 हजार रुपए में ग्लूकोज, नमक की बोरियां और अन्य पैकिंग मटेरियल इस्तेमाल कर लाख से सवा लाख रुपए में पांच हजार इंजेक्शन तैयार कर लिए। इधर आरोपी कुलदीप सांवलिया ने आरोपियों से खरीदा नकली इंजेक्शन मां को लगाया। वह भी नहीं बच सकीं।

इधर मंत्री बोले- जांच में जो दोषी मिलेगा, मैं खुद रासुका लगाऊंगा

इंदौर| जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने खुद पर लग रहे आरोपों को झूठ बताते हुए कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को घेरा। सिलावट ने कहा कि मामले में मैंने खुद जांच की मांग सबसे पहले उठाई थी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर मैं खुद रासुका लगाऊंगा।

गुरुवार को सिलावट ने मीडिया से कहा कि दिग्विजय सिंह उमंग सिंगार पर भी कुछ बोल दें। बिना प्रमाण आरोप लगाना कांग्रेस की छटपटाहट को दिखा रहा है। सिलावट ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से भी कहा है कि निष्पक्ष जांच होगी तो सारी हकीकत सामने आ जाएगी।

पुनीत बोला- मंत्री के ड्राइवर का नाम आते ही मामला दब जाएगा, इसलिए लिया नाम
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में पकड़े गए जिला स्वास्थ्य अधिकारी के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि उसने गोविंद राजपूत के बारे में आधा सच बताया था। दरअसल, मैंने उसे इंजेक्शन दिए थे, लेकिन बाद में गोविंद ने इंजेक्शन वापस कर दिए और अपने पैसे मांगे।

मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मुझे लगा कि वह मंत्री के यहां ड्राइवर है। मामला दब जाएगा। वहीं पुलिस ने मामले में गोविंद को आरोपी नहीं बनाया है। वहीं पुनीत ने जिस बंटी से इंजेक्शन लेने की बात कही है, उसकी तलाश की जा रही है। एसपी आशुतोष बागरी के मुताबिक, पुनीत ने इंजेक्शन की कालाबाजारी में जिस गोविंद राजपूत का नाम लिया था, उसकी भूमिका नहीं निकली है।

वहीं गोविंद ने जिस बंटी नामक युवक से पुनीत के संपर्क बताए हैं, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। बंटी समाजसेवा की आड़ में इंजेक्शन व दवाओं की कालाबाजारी करता है।


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