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हाईकोर्ट का सरकार से सवाल:8 करोड़ आबादी को वैक्सीन की क्या योजना है सरकार को 24 मई तक पेश करना है रिपोर्ट

 

हाईकोट की डिविजन बेंच ने बुधवार को राज्य सरकार से पूछा कि प्रदेश की आठ करोड़ जनता को दो महीने में वैक्सीन लगाने के लिए आपकी क्या योजना है। 24 मई तक सरकार को इस पर जवाब देना है। हाईकोर्ट इस दिन सुनवाई भी करेगी। कोरोना की तीसरी लहर आए इसके पहले ग्लोबल टेंडर बुलाकर तेजी से वैक्सीनेशन कराए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किए हैं।

चीफ जस्टिस मो. रफीक, जस्टिस अतुल श्रीधरन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी की। वर्चुअल सिस्टम से हुई सुनवाई में कहा गया कि देश के आठ राज्य और महानगर मुंबई अपनी जनता को वैक्सीन लगाने के लिए केेंद्र सरकार से मिलने वाले वैक्सीन पर निर्भर नहीं है।

इन राज्यों ने 1 से लेकर 3 करोड़ 30 लाख डोज मुहैया कराने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए हैं। मप्र में ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा, जबकि यहां आठ करोड़ के लगभग आबादी है। कोर्ट ने कहा कि सितंबर, अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आने की बात भी कही जा रही है। ऐसे में युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन नहीं किया गया तो फिर लॉकडाउन, संक्रमण, मौतों की स्थिति बन सकती है।

शासन का बचकाना जवाब वैक्सीनेशन जारी है, लोग नहीं आ रहे हैं
शासन की ओर से कहा गया कि अभी वैक्सीनेशन जारी है, लेकिन लोग नहीं आ रहे हैं। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि युवाओं को स्लॉट नहीं मिल रहे हैं। स्लाॅट जारी होते ही 2 मिनट में खत्म हो रहे हैं। वैक्सीन के हर शहर में बड़ी संख्या में कैंप लगने की दरकार है ताकि अगले दो महीनों में आधी से अधिक आबादी को डोज लग जाए।



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