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इंदौर जिले में एक हजार से अधिक कोरोना मरीज़ो का हुआ नि:शुल्क इलाज

 इंदौर कोविड संक्रमण के प्रकरणों में वृद्धि को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आमजनता को सुलभशीघ्र व समुचित उपचार की उपलब्धता के लिये 'मुख्यंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों को आयुष्मान भारत म.प्र. निरामयम् योजना के अंतर्गत पंजीकृत करते हुए स्वास्थ्य लाभ दिलवाने हेतु प्रतिबद्धता जाहिर की। इसके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना लागू की गयी है। योजना का इंदौर जिले में प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले में अब तक एक हजार से अधिक कोविड मरीज़ो का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है।

       इंदौर जिले में नि:शुल्क इलाज के लिए 71 अस्पताल चिन्हित किये गए हैं। इनमें में जिले के 06 शासकीय तथा 65 निजी चिकित्सालय शामिल है। उक्त अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत पंजीकृत है जिनमें कोविड का उपचार नि:शुल्क किया जा रहा हैं।

      कलेक्टर मनीष सिंह ने इन अस्पतालों में मरीजों को उपचार में सुविधा हो इसको देखते हुये प्रत्येक अस्पताल के लिये एक-एक शासकीय अधिकारी की ड्यूटी लगाई है। साथ ही सभी एसडीएम को निर्देश दिये गये है कि वे भी लगातार मॉनिटरिंग करें।मनीष सिंह ने निर्देश दिये है  कि कोई भी प्रात्र मरीज योजना के लाभ से वंचित नहीं रहे।

      योजनाकेअंतर्गत 679 एचडीयू बेड9800, ऑक्सीजन बेड410 सामान्य बेड आर‍क्षित किये गये है। इन चिकित्सालयों में आरक्षित किए गए हैं। 679 एसडीयू बेड में से 236 बेड शासकीय संस्थाओं में तथा 443 निजी चिकित्सालयों में उपलब्ध हैं। जिले में 980 ऑक्सीजन  बेड में से 686 बेड शासकीय संस्थाओं में तथा 294 निजी चिकित्सालयों में उपलब्ध हैं। जिले में 410 सामान्य बेड में से 210 बेड शासकीय संस्थाओं में तथा 200 निजी चिकित्सालयों में उपलब्ध है। इस प्रकार कुल 2 हजार 67 बेड71 निजी एवं शासकीय चिकित्सालयों में आयुष्मान के अंतर्गत आरक्षित हैं। 

      'मुख्यंत्री कोविड उपचार योजना' के अंतर्गत आज तक 1055 हितग्राही इस योजना का लाभ ले चुके हैं। प्रक्रिया को सरल बनाते हुए यदि परिवार में किसी भी सदस्य का आयुष्मान कार्ड है और वह चिन्हित श्रेणियों में आता हैतो उसे चिकित्सालय में कोविड उपचार हेतु तुरंत भर्ती कर लिया जाता है तथा उसी दौरान यदि उसका का आयुष्यमान कार्ड नहीं हैतो कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी जाती है। अन्य चिकित्सालयों को भी आयुष्मान योजना के अंतर्गत पंजीकृत करने का कार्य जारी है।

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