इंदौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से निपटने के लिये जो रणनीति अपनाई है, उसे अमल में लाया जाकर जन-सहयोग भी जुटाया गया है। जिला स्तर से ग्राम स्तर पर सक्रिय क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ कोरोना वॉलेंटियर्स भी पूरी लगन से कार्य कर रहे हैं। इसके साथ उपचार की माकूल व्यवस्थाओं के चलतें जहाँ एक ओर कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में सफलता मिल रही है, वहीं दूसरी ओर समन्वित प्रयासों से कोरोना की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है और रिकवरी दर बढ़ रही है। प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट आज घटकर 10.7 प्रतिशत और रिकवरी रेट 86.10 प्रतिशत हो गया है। प्रदेश के 50 जिलों में पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना में रिकवरी के प्रकरण अधिक हैं।
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये पिछले एक माह में प्रतिदिन किये जा रहे कोरोना टेस्टिंग की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी की जा रही है। वर्तमान में 65 हजार से अधिक टेस्ट किये जा रहे हैं। रविवार 16 मई को 66 हजार 517 टेस्ट किये गए। प्रदेश में प्रतिदिन आ रहे नये कोरोना प्रकरणों की तुलना में मरीजों के रिकवर होने की संख्या ज्यादा है। शुक्रवार 14 मई को रिकवरी रेट 84.47 प्रतिशत, 15 मई को रिकवरी रेट 85.24 प्रतिशत रहा, जो आज 16 मई को घट कर 86.10 प्रतिशत हो गई है।
समुचित प्रबंधन, प्रयासों एवं चिकित्सकीय सुविधाओं की बढ़ोत्तरी से प्रतिदिन स्वस्थ और संक्रमण मुक्त होने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। प्रदेश में एक दिन में जितने लोग स्वस्थ हुए हैं, उनमें से 76.3 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जो होम आइसोलेशन में और 4.8 प्रतिशत ऐसे मरीज हैं जो कोविड केयर सेंटर में थे। इस प्रकार 81.1 प्रतिशत मरीज ऐसे हैं जो अस्पताल जाये बिना होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर में ही स्वस्थ हो रहे हैं। शेष 18.9 प्रतिशत मरीज अस्पतालों से संक्रमण मुक्त होकर सकुशल अपने घर पहुँचे हैं।
कोविड 19 मैनेजमेंट स्ट्रेटजी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना नियंत्रण एवं व्यवस्थाओं के लिये जो मैनेजमेंट स्ट्रेटजी अपनाई उसमें टेस्टिंग को नागरिकों के मूल अधिकार के रूप में माना गया। इसके लिये फीवर क्लीनिक, लगातार टेस्टिंग कैपेसिटी में बढ़ोत्तरी एवं टेस्टिंग के परिणाम में लगने वाले समय को कम किया गया। डिस्ट्रिक्ट कमाण्ड एवं कण्ट्रोल सेंटर द्वारा होम आईसोलेशन की मॉनीटरिंग एवं कोविड केयर सेंटर के द्वारा संस्थागत आईसोलेशन की व्यवस्था की गई। स्वास्थ्य अधोसंरचना में संर्वद्धन, मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत निःशुल्क उपचार एवं ऑक्सीजन का प्रबंधन किया। फ्रण्ट लाईन वर्कर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं एवं 45 या अधिक आयु वर्ग के समस्त नागरिकों का टीकाकरण, 18 से 45 आयु वर्ग के टीकाकरण हेतु वैक्सीन की अधिकतम उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए वैक्सीन के डोसेस के अपव्यय को कम किया गया। राज्य स्तर से जिला, ब्लॉक, ग्राम और वार्ड स्तर पर क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप गठित कर उन्हें सक्रिय किया गया। सभी ग्राम पंचायतों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के आव्हान पर ग्रामों में जनता कर्फ्यू लगाया। इसके साथ ही किल कोरोना अभियान का पूरे प्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन कर प्रांरभिक चिन्हांकन और तत्काल उपचार की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया है।
होम आइसोलेशन
प्रदेश में 76 हजार 775 मरीज वर्तमान में होम आइसोलेशन में हैं। इनमें से 95 प्रतिशत मरीजों से दूरभाष पर कम से कम एक बार संपर्क किया गया है। अभी तक टेली मेडिसिन सेवा में 49 हजार मरीजों को परामर्श दिया गया। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन में रहने वाले
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