धामनोद धामनोद-खलघाट को जोड़ने वाले खलटांका पुल के पास नर्मदा का पानी पिछले वर्षों के मुकाबले साफ तो है ही इस बार जलस्तर भी बेहतर नजर आ रहा है। पांच साल से हर साल नर्मदा के बीचोबीच भारत के नक्शे से मिलते-जुलते आकार का टापू बन जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। मई के महीने में भी नदी का प्रवाह बेहतर है।
दो-तीन जगह टीलेनुमान का आकृति नजर आ रही है लेकिन ये ज्यादा बड़ी नहीं है। ये स्थिति इसलिए भी है क्योंकि निमाड़ में नहरों के माध्यम से किसानों के खेतों तक इंदिरा सागर नहर परियोजना व औकारेशवर नहर परियोजना के अंतर्गत पानी खंडवा जिले से छोड़ा जाता है।
कसरावद होते हुए बड़वानी तक नहर का पानी पहुंचता है इस बार नहरों में पानी नहीं छोड़ने से नर्मदा का जलस्तर बढ़ा हुआ नजर आ रहा है। अखातीज के बाद कपास की बुवाई शुरू हो गई है। इसलिए अब किसान नहरों में पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। पानी छोड़ने के बाद मई के अंत में यहां फिर टापू नजर आ सकता है।
सामान्य से तीन मीटर ऊपर बह रही है नर्मदा
मोरटक्का नर्मदा का जलस्तर 157.4 मीटर रहा। यह सामान्य से करीब तीन मीटर ऊपर है। सामान्य जलस्तर 153 मीटर है। पिछले साल मई के महीने में जलस्तर सामान्य था। यानी 153 मीटर के आसपास। इंदिरा सागर से बिजली बनाकर 880 क्यूमेक्स प्रति सेकंड पानी छोड़ रहे हैं। इससे भी जलस्तर बेहतर है। महेश्वर में भी शनिवार को जलस्तर शुक्रवार के मुकाबले आधा मीटर ज्यादा रहा।
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