- अस्पताल में मौतें होती देखीं तो बना दिया हेल्पलाइन सेंटर, प्लाज्मा भी दान करा रहे
इंदौर चंद्रनगर निवासी राकेश यादव की पत्नी कोरोना संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती हुईं। वहां उन्होंने देखा कि कोई बेड नहीं मिलने से तो कोई ऑक्सीजन नहीं मिलने से दम तोड़ रहा। पत्नी की तबीयत ठीक होते ही उन्होंने अभिषेक यादव चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिये जनस्वास्थ्य ऑनलाइन हेल्प सेंटर (0731-4854004)बनाया। इसके जरिये बेड, कोरोना टेस्ट लैब, ऑक्सीजन सिलेंडर की जानकारी दे रहे। साथ ही प्लाज्मा डोनेशन के लिए एंटीबॉडी टेस्ट भी लोगों का नि:शुल्क करा रहे।
हर दिन 200 लोगों को फूड पैकेट, 50 से ज्यादा लोगों को दवाएं भी उपलब्ध करा रहे
मनीष जैन (नाकोड़ा) ने बताया कि हमारे परिवार में भी कोरोना हुआ था। घर से हॉस्पिटल तक की परेशानी देखने के बाद एक अभियान शुरू किया। इसमें हर दिन 200 लोगों को फूड पैकेट पहुंचा रहे हैं। इसमें रोज 700 पैकेट (सुबह-शाम) का लक्ष्य है। इसके साथ ही 50 कोविड मरीज (ए सिम्प्टोमैटिक) लोगों को दवाएं भी फ्री दे चुके हैं। इसके नि:शुल्क मास्क, सैनिटाइजर भी बांट रहे हैं। जैन ने कहा कि जिन भी जरूरतमंद लोगों को फूड पैकेट की जरूरत है वे (94251-92123) पर संपर्क कर सकते हैं।
रोजाना तीन हजार फूड पैकेट बांटे जा रहे, जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर भी दे रहे
सदाचार सेवा समिति और महावीर मेडिकल इक्विप्मेंट बैंक द्वारा लगातार सेवा कार्य किए जा रहे हैं। समिति के माध्यम से हर दिन 3 हजार फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है। ये फूड पैकेट मजदूर चौक, अलग-अलग हॉस्पिटल और जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा रहे हैं। संचालक डॉ. अनिल भंडारी के अनुसार इक्विप्मेंट बैंक के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मेडिकल से जुड़ी अन्य मदद की जा रही है। उन्होंने कहा मेडिकल से जुड़ी मदद लगातार लोगों को की जा रही है।
मुक्तिधाम में परिजन अंतिम संस्कार कर सकें, इसलिए मुफ्त उपलब्ध करा रहे पीपीई किट
कोविड से जिन परिवारों में मौत हुई, उनके परिजनों को नि:शुल्क पीपीई किट उपलब्ध कराने की पहल शुरू की है नारायण अग्रवाल और नरेश अग्रवाल ने। उन्होंने कहा मुक्तिधाम में देखा कि कोविड से ग्रस्त व्यक्ति को कंधा मिलना तो दूर, उनके अपने अंतिम संस्कार से वंचित रह जाते हैं। ये बेहद कष्टप्रद क्षण लगा। इसलिए हमने तय किया है कि पंचकुइयां और रामबाग मुक्तिधाम में नि:शुल्क पीपीई किट ऐसे परिवारों के लिए उपलब्ध कराएंगे, ताकि वे अंतिम संस्कार की रीति को अच्छे से निभा सकें और खुद की पूरी तरह से सुरक्षित रहें।
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