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कोरोना:व्यापारिक संगठन बोले- अब बाजारों को खोल दिया जाए, बहुत नुकसान हो चुका है

 

कोरोना कर्फ्यू लगने से बाजार में बहुत नुकसान हो चुका है। शादियों का सीजन भी निकल गया और माल गोदाम, दुकान में रखा रह गया। अब बाजार पूरी तरह से खोल देना चाहिए। अधिकांश व्यापारिक संगठनों ने यह सुझाव सोमवार रात को सिटी बस आफिस में मंत्री तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी और कलेक्टर मनीष सिंह के साथ हुई बैठक में दिए।

हालांकि कुछ संगठनों ने यह भी कहा कि खुलने के बाद भी प्रशासन की सख्ती रहना चाहिए, क्योंकि जान है तो जहान है। सालों तक कारोबार किया है। व्यापारी इतना कमजोर नहीं है कि दो माह में टूट जाए। वहीं कलेक्टर ने कहा कि सभी के सुझाव मुख्यमंत्री को भेजे जाएंगे।

भोपाल से आने वाली गाइडलाइन के आधार पर आपदा समूह की बैठक में इन पर विचार कर फैसले लिए जाएंगे। एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र के अध्यक्ष प्रमोद डाफरिया ने कहा कि संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। प्रशासन को एक पॉजिटिव दर और मरीजों की संख्या तय कर बता देना चाहिए कि यदि संक्रमण इससे अधिक गया तो बाजार बंद कर देंगे। इससे लोग पालन करेंगे। बाजार को तीन दिन ही खोला जाए।

यह भी आया सुझाव- शनिवार और रविवार भले बंद रखें

अहिल्या चेंबर की ओर से इशाक चौधरी ने कहा कि शनिवा-रविवार का लॉकडाउन भले रखा जाए, बाकी दिन खोल दें। मालवा चेंबर की ओर से अजीत सिंह नारंग ने कहा कि प्रशासन सख्ती जारी रखे और प्रोटोकॉल का पालन कराए। जान है जहान है। आमीर इंजीनियरवाला ने कहा कि जरूरी सामग्री के साथ ही थोक बाजारों को खोला जाए।

कोशिश की जाए कि ऑनलाइन अधिक से अधिक ऑर्डर लेकर होम डिलीवरी की जाए। निर्माण गतिविधियों और इससे जुड़े सेक्टर खोले जाएं। वहीं कपड़ा बाजार, सराफा, सैनिटरी, इलेक्ट्रिक बाजार एसोसिएशन ने बाजार को पूरी तरह से खोले जाने की मांग की।

सराफा एसोसिएशन ने कहा शादियों का सीजन गुजर गया है, अब जरूरी है कि बाजार को खोला जाए। मंत्री सिलावट ने कहा कि इस दौर में कई लोगों ने अपनों को खोया है, इसलिए जरूरी है कि सतर्कता रखते हुए बाजार को चलाया जाए।

पुलिस और निगमकर्मियों की कार्यशैली पर रोक लगे
पदाधिकारियों ने कहा कि कर्फ्यू में पुलिस निगम कर्मियों ने बाजारों में बेवजह चालान बनाए और परेशान किया। इसी तरह पुलिस ने भी बेवजह रोका, एक टायर की जगह गाड़ी के चारों टायर की हवा निकाल दी, जबकि परिवार साथ में था। ऐसी कार्यशैली पर रोक लगना चाहिए।


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