माँ के लिए बेटी से ज्यादा कीमती क्या हो सकता है। शहर की एक एएनएम अपनी इसी जिंदगी को दांव पर लगाकर दूसरों का जीवन बचा रही हैं। स्वास्थ्यकर्मी प्रतिभा चौहान की 3 साल की बच्ची है। शिक्षक, पति मुकामसिंह आलीराजपुर में पदस्थ हैं। वे नौलखा स्थित सेंटर पर बेटी को साथ ही रखती हैं। एक पल में मां होती हैं तो दूसरे पल में दूसरों को कोरोना कवच देती हैं।
बच्ची के मास्क और सैनिटाइजेशन का रख रहीं पूरा ध्यान
प्रतिभा जितनी सतर्कता से वैक्सीन लगा रही हैं उतनी ही जिम्मेदारी के साथ ध्यान रखती हैं कि बच्ची के मुंह से मास्क नीचे न आए। हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाने के बाद वे हाथों को सैनिटाइज करती हैं। बच्ची को हाथ लगाने से पहले खास ध्यान रखती हैं। अग्रवाल समाज केंद्रीय समिति अध्यक्ष गोविंद सिंघल बताते हैं कि एक महीने से शिविर चल रहा है, बच्ची साथ ही आती है।
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