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कैलाश विजयवर्गीय बोले - कभी-कभी कम्यूनिकेशन गैप हो जाता है, कई बार प्रशासनिक इगो टकरा जाता है

 

भाजपा महासचिव बोले - मैं व्यक्तिगत रूप से लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हूं।

स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गडरिया और इंदौर कलेक्टर के बीच अनबन का विवाद गहराता जा रहा है। स्वास्थ्यकर्मी अब मनीष सिंह के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। गुरुवार शाम बड़ी संख्या में स्वास्थ्य अधिकारी संभाग आयुक्त पवन शर्मा के कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने ज्ञापन दिया। इसमें कलेक्टर मनीष सिंह को तत्काल हटाने की मांग की है।

पूरे मामले में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि एक-दो घटनाएं ऐसी हुई हैं। प्रभारी मंत्री ने डॉक्टरों से बात की है। कभी-कभी कम्यूनिकेशन गैप हो जाता है। कई बार प्रशासनिक ईगो टकरा जाता है। ऐसी घटनाओं की चिंता करने वाले हमारे आसपास लोग बैठे हुए हैं। कलेक्टर के व्यवहार पर मैं सीधे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, पर कई बार हमें डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के स्ट्रैंथ को भी समझना होगा। इसलिए दोनों जवाबदारी से काम करें। वहीं, विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि डाॅक्टर हड़ताल पर गए तो इंदौर तहस-नहस हो जाएगा।

कलेक्टर और. डॉ. पूर्णिमा डगरिया के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया है।
कलेक्टर और. डॉ. पूर्णिमा डगरिया के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया है

हड़ताल वापस ले लें, नहीं तो इंदौर तहस-नहस हो जाएगा

कॉग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि मैं डॉक्टरों से कहना चाहता हूं कि पूरे देश में महामारी चल रही है। ऐसे में आपने जो हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। मैं निवेदन करना चाहता हूं कि आप ऐसा नहीं करें। क्योंकि इस महामारी में दो ही भगवान हैैं, एक ऊपरवाला और एक आप। हमारे पास न तो ऑक्सीजन है न ही इंजेक्शन... ऐसे में यदि आप खड़े भी रहेंगे तो मरीजों में हिम्मत रहेगी। आप हड़ताल वापस ले लें। आपकी लड़ाई हम आगे-पीछे लड़ते रहेंगे। आज इंदौर हित के लिए आप हड़ताल पर न जाएं। यदि आप लोगों ने हड़ताल कर दी तो अभी हजारों जानें जा रही हैं। वह लाखाें हो जाएंगीं। इंदौर तहस-नहस हो जाएगा।

हमें तीसरे स्ट्रेन की तैयारी करना होगी

वहीं, विजयवर्गीय ने कहा कि बेड की कमी दूर करने के गंभीर प्रयासों का असर दिख रहा है। हमें अभी से तीसरे स्ट्रेन की तैयारी करना होगी। निजी अस्पताल जल्द ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन लगाएंगे। इसके लिए उनसे लगातार बातचीत की जाएगी। विजयवर्गीय ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार जो जरूरी होगा वह शासन करेगा।

कलेक्टर को नहीं हटाया, तो स्वास्थ्य कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा देंगे
वहीं, डॉ. पूर्णिमा डगरिया ने कहा- यदि कलेक्टर को नहीं हटाया, तो सभी स्वास्थ्य कर्मचारी एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। मनीष सिंह शिवराज सिंह के सबसे भरोसेमंद कलेक्टर माने जाते हैं। नगर निगम इंदौर में आयुक्त रह चुके हैं और सफाई को लेकर सुर्खियों में रहे। इसके बाद शिप्रा में स्नान के लिए गंदे पानी के मुद्दे पर तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने उन्हें उज्जैन कलेक्टर पद से हटा दिया था। बाद में शिवराज सरकार ने लौटते ही मनीष सिंह को इंदौर का कलेक्टर बनाया। ज्ञापन में कहा गया है, अधिकारी व कर्मचारी तब तक काम नहीं करेंगे, जब तक मनीष सिंह को हटाया नहीं जाता।

डॉक्टर गडरिया के समर्थन में आए कर्मचारी
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा जिला प्रशासन के अफसरों द्वारा किए जा रहे व्यवहार का विरोध किया जा रहा है। डॉक्टर गडरिया के समर्थन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी संगठनों ने सभी चिकित्सक अधिकारी नियमित, संविदा तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी, सभी कोरोनो सैंपलिंग, आरआरटी, होम आइसोलेशन, सीसीसी टीम व सभी फील्ड कर्मचारियों से संघर्ष करने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया गया है। संगठनों का कहना है कि मांगें न मानी जाने पर सामूहिक इस्तीफा दिया जाएगा, लेकिन अभद्र व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा।

यह है मामला

प्रशासन के अधिकारियों द्वारा अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के दो डॉक्टरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वालों में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पूर्णिमा गडरिया और मानपुर के मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) डॉ. आरएस तोमर शामिल हैं। डॉ. गडरिया ने कलेक्टर मनीष सिंह और डॉ. तोमर ने एसडीएम अभिलाष मिश्रा द्वारा प्रताड़ित किए जाने की बात को लेकर यह कदम उठाया है।


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