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सख्ती :शहर की सब्जी मंडिया बंद होने से आसपास के क्षेत्रों के किसान संकट में हैं

 

शहर की सब्जी मंडिया बंद होने से आसपास के क्षेत्रों के किसान संकट में हैं। खेतों में पक चुकी सब्जियां जानवरों को खिला रहे हैं तो कुछ उस पर ट्रैक्टर चला रहे हैं। देपालपुर तहसील के चटवाड़ा गांव में किसान गोविंद चंदेल ने चार बीघा खेत में भिंडी की फसल लगाई। फसल तैयार हुई तो जिला प्रशासन ने मंडी बंद होने के आदेश जारी कर दिए।

इस पर किसान ने सब्जी लगे खेत में दो दिन पहले ट्रैक्टर से हंकाई कर दी। वहीं मंगलवार को दूसरे खेत में खड़ी भिंडी की फसल भेड़ों को खिला दी। किसान गोविंद ने बताया कि दोनों खेतों में प्रति बीघा 6 किलो भिंडी का बीज लगाया था। 3800 रुपए किलो के हिसाब से खाद, बीज, जुताई में हजारों रुपए खर्च कर केवल तीन बार ही मंडी में फसल बेच पाए।

अब मंडियां बंद होने से भिंडी बिक नहीं रहीं, जबकि लागत तो लग चुकी है। मजदूरों से भिंडी तुड़वाई के पैसे भी लग रहे थे। भेड़ों को फसल खिला दी। रतन खेड़ी गांव के किसान मोहन सोनगरा व बालोदा टाकुन के किसान विनोद सिंह ने 3-4 बीघा में तरबूज लगा रखे हैं, जो तैयार हैं, पर ज्यादा समय से तुड़ाई नहीं होने से तरबूज फटने लगे हैं। उन्होंने बताया कि हाइब्रिड बीज, खाद, दवा, जुताई, गुड़ाई में काफी रुपए खर्च हुए। अब मंडियां बंद होने से इन्हें बेच नहीं पा रहे। इससे काफी नुकसान हो रहा है।

किसान नेताओं ने कहा- सरकार की तरफ से राहत प्रदान की जाए

भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष बबलू जाधव ने कहा कि लॉकडाउन व मंडिया बंद होने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। दो साल से फल, फूल, सब्जी, दूध, अनाज उत्पादक किसान की हालत खस्ता है। मंडियां बंद होने से फसलें खराब हो रही हैं।

शासन स्तर से भी अब तक कोई राहत राशि किसानों को नहीं मिली है। हमारी मांग है कि जल्द मंडियां चालू की जाएं, जिससे किसान अपनी फसलें मंडियों में बेच सकें। साथ ही उसके नुकसान की क्षतिपूर्ति शासन द्वारा की जाए।


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