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सोने के भाव में उतार-चढ़ाव कोरोना संक्रमण के कारण गोल्ड लोन में मुश्किल का दौर शुरू

 

  • दोहरी मुश्किल : सरकार ने गोल्ड कंपनियों को ब्याज वसूलने के लिए छूट दी, पर लोन डिफॉल्टर होने पर गिरवी सोने की कुर्की पर प्रतिबंध लगाया

सोने के भाव में उतार-चढ़ाव और कोरोना संक्रमण के कारण गोल्ड लोन में मुश्किल का दौर शुरू हो गया है। इसमें तेजी से लोन डिफॉल्टर बढ़ रहे हैं। पहले 100 में से एक केस ही डिफॉल्टर होता था। अब यह 5 फीसदी तक हो गए हैं। इंदौर में अप्रैल में ही करीब दो हजार लोग डिफॉल्टर हो चुके हैं। इसमें 10 करोड़ से ज्यादा की गोल्ड लोन राशि अटक गई है। वहीं कोरोना के कारण बिगड़े हालात के बीच सरकार ने गोल्ड कंपनियों को अपनी ब्याज राशि वसूलने के लिए छूट तो दी है, लेकिन लोन डिफॉल्टर होने पर गिरवी सोने की कुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके चलते गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां दोहरी मुश्किल में आ गई हैं। लोन लेने वालों को लगातार नोटिस, फोन जारी कर लोन वापसी के लिए बोल रही हैं। सबसे ज्यादा डिफॉल्टर केस पिछले साल अगस्त-सितंबर के दौरान सोने की ऊंची कीमतों के कारण दी गई अधिक लोन राशि हैं। तब सोना 56 हजार रुपए प्रति तोला तक पहुंच गया था और लोन राशि 42 हजार रुपए प्रति तोला के करीब थी (गोल्ड कीमत का 75 फीसदी), लेकिन इसके बाद दामों में गिरावट आती रही। इस साल फरवरी-मार्च में सोना 42 हजार प्रति तोले पर आ गया। कोरोना के कारण मार्च-अप्रैल में कर्फ्यू लग गया ऐसे में लोगों की हालत बिगड़ गई। आर्थिक सेहत बिगड़ने का हवाला देकर लोन चुकाने से इनकार कर दिया।

इंदौर में हर माह 150 करोड़ का गोल्ड लोन कारोबार 1. इंदौर में मुख्य तौर पर तीन गोल्ड लोन कंपनियां हैं, जिनकी करीब 70 शाखाएं। इसके अतिरिक्त बैंक भी गोल्ड लोन देती हैं। हर दिन औसतन 150 और हर माह 30 हजार लोग गोल्ड लेते हैं। इसकी राशि 150 करोड़ औसतन होती है। गोल्ड लोन सप्ताहभर में सोने के औसतन भाव पर अधिकतम 75 फीसदी राशि तक का दिया जाता है। व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से अधिकतम राशि या इससे कम का लोन ले सकता है। उसी के अनुसार ब्याज दर तय होती है। 2. सोने के दाम कम-ज्यादा होने पर प्रीमियम राशि लेते हैं, टॉपअप देते हैं। गोल्ड की कीमत कम होने पर लोन कंपनी ब्याज के साथ ही प्रीमियम राशि भी अतिरिक्त मांगती है। वह सामान्य तौर पर गोल्ड की कीमत और दी गई राशि के बीच 75 फीसदी का अनुपात रखती है। जैसे यदि 56 हजार प्रति तोले पर 42 हजार लोन लिया और फिर सोना 50 हजार का हो गया तो इसका 75 फीसदी 37500 होता है और कंपनी ब्याज के साथ 4500 रुपए और मांगेगी। यदि गोल्ड की कीमत बढ़ती है तो ग्राहक को उसी अनुपात में टॉपअप लोन मिलता है। लोग लोन नहीं चुकाएंगे तो ब्लैक लिस्ट में आ जाएंगे ^गोल्ड लोन में अभी डिफॉल्टर केस होने का प्रतिशत बढ़ रहा है। इंदौर में यह पहले एक फीसदी ही होता था, लेकिन अब पांच फीसदी के करीब देखने में आ रहा है। लोन लेने वालों की इससे मुश्किल बढ़ेगी, क्योंकि डिफॉल्टर होने पर देर सवेर वसूली की वैधानिक कार्रवाई होगी। उनकी क्रेडिट खराब होने से भविष्य में कोई भी वित्तीय कंपनी लोन नहीं देगी, इसलिए लोगों को किसी भी तरह लोन की राशि चुकाना चाहिए। - सचिन बैरागी, मैनेजर, गोल्ड लोन कंपनी

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