गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगा कर सिटी अस्पताल में भर्ती संकमितों को लगवा कर संचालक सरबजीत मोखा मोटी कमाई कर रहा था। आखिरकार उसके गुनाहों का घड़ा फूट ही गया। ओमती थाने में रविवार देर रात सरबजीत मोखा, सिटी अस्पताल का दवा संचालक देवेश चौरसिया और भगवर्ती फार्मा के संचालक सपन जैन के खिलाफ धारा 274, 275, 308, 420, 120बी, 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम, 3 महामारी एक्ट का प्रकरण दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार एक मई को गुजरात की मोरबी थाने की पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में गुजरात पुलिस ने 6 मई की देर रात अधारताल पुलिस की मदद से आशानगर निवासी सपन उर्फ सोनू जैन को गिरफ्तार किया था। सपन का सिविक सेंटर में भगवती फार्मा नाम से दवा की बड़ी दुकान है। इसका शहर के कई बड़े अस्पतालों में दवा सप्लाई का काम है।
नर्मदा में फेंक दिए थे नकली इंजेक्शन
सपन जैन ने गुजरात में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का खुलासा होने के बाद बड़ी मात्रा में इंजेक्शन नर्मदा में फेंक दिए थे। उसने जिले में 400 इंजेक्शन सप्लाई की बात स्वीकार की है। दवा सप्लायर सपन ने नकली रेमडेसिविर मामलेे में सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम लिया था। सरबजीत ने ही उसे गुजरात की नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचनेे वाली फर्म का नंबर दिया था। आठ मई को पुलिस, प्रशासन और ड्रग विभाग ने कार्रवाई करते हुए भगवती फार्मा, सत्यम व सत्येंद्र मेडिकोज को सील कर दिया था।
पुलिस से बचने के लिए हार्ट-अटैक का किया है नाटक
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में नाम सामने आने के बाद सिटी अस्पताल का संचालक सरबजीत मोखा पुलिस से बचने के लिए हार्ट-अटैक का नाटक कर अपने ही अस्ताल में भर्ती हो गया। जबकि प्रशासन चाहे तो मेडिकल के चिकित्सक टीम से उसकी जांच कराकर झूठ को बेनकाब कर सकती है। वह विश्व हिंदू परिषद का नर्मदा जिलाध्यक्ष है। यहां बता दें विहिप में जबलपुर जिले में नर्मदा और दुर्गावती जिला नाम से दो अध्यक्ष होते हैं।
मोखा को पता था कि वह नकली इंजेक्शन खरीद रहा है
सीएसपी ओमती आरडी भारद्वाज ने बताया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए सरबजीत ने इंदौर में गिरफ्तार रीवा निवासी सुनील मिश्रा और सपन जैन के माध्यम से संपर्क किया था। सपन जैन से उसने एक हजार प्रति इंजेक्शन का सौदा किया था। सरबजीत इंजेक्शन के लिए नकली बिल और जीएसटी नंबर पर सप्लाई मंगा रहा था। मोखा को ये भी पता था कि उसने जिससे इंजेक्शन खरीदे हैं, वह अधिकृत डीलर नहीं है। उसके दवा स्टोर संचालक देवेश चौरसिया ने भी पूछताछ में अहम जानकारी दी है।
वहीं अस्पताल की जांच में भी पुलिस को कुछ अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं। पिछले दो दिनों से एएसपी रोहित काशवानी, सीएसपी ओमती और टीआई ओमती इस मामले की जांच में जुटे थे। जैसे ही तथ्य सामने आए, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिए। टीआई ओमती एसपीएस बघेल के मुताबिक प्रकरण में देवेश चौरसिया को हिरासत में लिया गया है। एक टीम इंदौर में सुनील मिश्रा से और एक टीम गुजरात में सपन जैन से पूछताछ करने जाएगी।
दर्ज हो हत्या का मामला
कांग्रेस के पूर्व पार्षद संजय राठौर और नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने मांग कि मोखा के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज होना चाहिए। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने की वजह से कई लोगों की अस्पताल में मौत हुई है। वहीं कई लोगों से उसने बेजा पैसे वसूले हैं। पुलिस ने इसके पूर्व रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की थी। अब मोखा सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई होगी?
यह है मामला
गुजरात के मोरबी शहर से पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। गुजरात क्राइम ब्रांच ने गुरुवार देर रात जबलपुर पहुंची और अधारताल पुलिस की मदद से आशानगर अधारताल निवासी सपन उर्फ सोनू जैन को गिरफ्तार ले गई थी। सोनी भगवती फर्म का संचालक है और उसके चाचा की अधारताल में और परिवार की एक दुकान मालवीय चौक में है। गुजरात पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 90 लाख रुपए और 3370 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए हैं।
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