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गरीब देशों की चिंता:WHO ने कहा- बच्चों को वैक्सीनेट न करें अमीर देश, ये टीके गरीब देशों को डोनेट करें; महामारी का दूसरा साल ज्यादा खतरनाक

 

WHO के मुताबिक, अगर अमीर देश आगे नहीं आएंगे तो महामारी से निपटना मुश्किल हो जाएगा।

विश्व स्वास्थय संगठन  (WHO) ने अमीर देशों से कहा है कि वे अपने देश में बच्चों का वैक्सीनेशन फिलहाल न करें, बल्कि बच्चों को लगाए जाने वाले डोज गरीब देशों को दान करें ताकि महामारी से जल्दी और ताकतवर तरीके से निपटा जा सके। WHO के मुताबिक, महामारी का दूसरा साल पहले साल के मुकाबले ज्यादा घातक है।

गरीब देशों की फिक्र
WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस एडेनहोम घेब्रिसियस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोविड-19 के वर्तमान हालात पर चर्चा की। इस दौरान WHO चीफ ने कहा- अमीर देश बच्चों को भी वैक्सीनेट कर रहे हैं। मैं इसे रोकने की अपील करता हूं। बच्चों के वैक्सीनेशन में इस्तेमाल की जा रही डोज गरीब देशों को दान देना चाहिए ताकि महामारी से जल्द और ज्यादा बेहतर तरीके से निपटा जा सके। उन्होंने कहा- हम देख रहे हैं कि कुछ अमीर देश बच्चों और युवाओं को भी वैक्सीनेट कर रहे हैं। दूसरी तरफ दुनिया के वो गरीब देश हैं, जहां अब तक हेल्थ वर्कर्स तक को वैक्सीन नहीं मिल सकी। हम सभी देशों को वैक्सीन देना चाहते हैं।

WHO की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ नजर आया कि टेड्रोस अमीर देशों से खासे नाराज हैं। उन्होंने कहा- जनवरी में ही मैंने साफ कर दिया था कि वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद नैतिक पतन होगा। बदकिस्मती से हम ये अब साफ देख भी पा रहे हैं। कुछ देश ऐसे हैं, जिनके पास वैक्सीन का ढेर है और वो उन लोगों को भी वैक्सीनेट कर रहे हैं जिन्हें कोविड-19 से बहुत कम खतरा है। मैं उनसे फिर अपील करता हूं कि वे अब गरीब देशों की मदद करें। वहां हेल्थ वर्कर भी वैक्सीन नहीं लगवा सके हैं।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दुनिया में अब तक 140 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 44% उन देशों के नागरिकों को लगी हैं जो अमीर हैं। ये दुनिया की कुल आबादी का 16% हैं।

WHO चीफ ने कहा- हमारे लिए यह बहुत मुश्किल वक्त है। महामारी का दूसरा साल, पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है। इससे निपटने के लिए सावधानी और वैक्सीनेशन दोनों की साथ जरूरत है, बिना इसके जंग जीतना बहुत मुश्किल हो जाएगा।


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