राजधानी में गुरुवार को ब्लैक फंगस के 12 नए मरीज मिले। इसके साथ ही शहर में ब्लैक फंगस के एक्टिव मरीजों की संख्या 300 के पार पहुंच गई। अकेले हमीदिया अस्पताल में छह नए मरीज पहुंचे, जबकि 12 मरीजों की छुट्टी हुई। यही नहीं इलाज के दौरान दो मरीजों की मौत भी हो गई। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 1500 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। जबकि एक्टिव मरीजों की संख्या 1000 के पार पहुंच गई है।
इधर, हमीदिया के ब्लैक फंगस वार्ड में भर्ती तीन साल की बच्ची की जांच रिपोर्ट में ब्लैक फंगस का संक्रमण मिला है। इसकी पुष्टि होने के साथ ही अब हमीदिया में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़कर 125 हो गई है। बुधवार को बच्ची का ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे सतत निगरानी में रखा हुआ है। बच्ची का ऑपरेशन करने वाले ईएनटी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यशवीर जेके ने बताया कि बच्ची की हालत स्थिर है। उसकी नाक के अलावा आंख और गाल पर भी सूजन थी।
अगर एक-दो दिन में सूजन कम होती है तो इसका मतलब है संकमण कम हो रहा है। सामान्य मरीजों में प्रोटोकॉल के मुताबिक चौथे-पांचवें दिन नेजल एंडोस्कॉपी की जाती है। चूंकि बच्ची की उम्र कम है ऐसे में एंडोस्कॉपी के लिए उसे एनेस्थीसिया लगाने की जरूरत होगी। इस कारण उसकी नेजल एंडोस्कॉपी आठ से दस दिन बाद की जाएगी। लेकिन, यह तो तय है कि बच्ची को 15 से 20 दिन भर्ती रखकर एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन लगाए जाएंगे।
0 टिप्पणियाँ